Garuda Purana Gyan: हिंदू धर्म में गरुड़ पुराण का विशेष महत्त्व है। अठारह महापुराणों में से एक गरुड़ पुराण में कई ऐसी बातें लिखी है, जो व्यक्ति को मृत्यु पश्चात नरक और स्वर्ग की प्राप्ति के संदर्भ को स्पष्ट करती है। गरुड़ पुराण के मुताबिक किसी भी व्यक्ति के बुरे कर्म उसके लिए नरक के द्वार खोलते है और उसके अच्छे कर्म स्वर्ग के द्वार। नरक जाने वाले व्यक्ति को उसके कर्मों का हिसाब दंड के रूप में भुगतना पड़ता है। जानते है गरुड़ पुराण से।
नरक के द्वार खोलते है व्यक्ति के ये कर्म
- गरुड़ पुराण के मुताबिक, जो व्यक्ति अपने मित्रों को धोखा देता है तो उसे नरक की प्राप्ति होती है। ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद गिद्ध की योनि में जन्म मिलता है। गिद्ध वो पक्षी है, जो पहाड़ों पर मरे हुए जानवरों को खा कर अपनी भूख मिटाता है।
- गरुड़ पुराण के मुताबिक, पुण्य तिथि में पढ़ने वाले व्रत या फिर श्राद्ध के दौरान जो भी पति-पत्नी अथवा स्त्री और पुरुष अनैतिक सम्बन्ध बनाते है, वो पाप के भागीदार बन जाते है। इस तरह के लोगों को नरक में स्थान मिलता है। इन्हें तामिस्त्र, अंधतामिस्त्र और रौरव नाम के नरक में जगह मिलती है।
- गरुड़ पुराण के मुताबिक, अधर्म के रास्ते पर चलने वाले व्यक्ति को नरक की प्राप्ति होती है। कहा गया है कि जो व्यक्ति अपनों का धन संचय करता है, उसका सारा धन उसी जीवनकाल में खत्म हो जाता है। ऐसे व्यक्ति को मृत्यु के बाद अंधतामिस्त्र नरक में जगह मिलती है।
- गरुड़ पुराण के मुताबिक, जो व्यक्ति अपने माता पिता या फिर परिजनों के साथ बुरा व्यवहार रखता है, या फिर उन्हें प्रताड़ित करता है। ऐसे व्यक्ति को अगले जन्म में मनुष्य का शरीर नहीं मिलता है। इस तरह के लोगों की गर्भ में ही मृत्यु हो जाती है।