Hartalika teej Puja muhurt :अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए कल (6 सितंबर) को महिलाएं हरतालिका जीत का व्रत रखेंगी। हरतालिका जीत के दिन सुहागिन महिलाएं मां पार्वती और भोलेनाथ की पूजा अर्चना कर अपने सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं। आज हरतालिका तीज की पूजा का सबसे शुभ मुहूर्त किस समय है और पूजा करने का सही तरीका क्या है आज हम आपको इसके बारे में बताएंगे।
क्यों रखा जाता है हरतालिका तीज का व्रत?
सुहागिन महिलाएं इस दिन अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखती हैं। आज का व्रत निर्जला व्रत होता है। इस दिन महिलाएं खास मेकअप करती हैं ,जिसमें मेंहदी लगाना, नए कपड़े और गहने पहनना, सोलह श्रंगार करना शामिल है। तीज का यह व्रत निराहार रहकर किया जाता है और इसमें कुछ विशेष नियमों का पालन किया जाता है। रात में भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा अर्चना की जाती है।
हरतालिका तीज पर कब है पूजा का शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज भाद्रपद शुक्ल तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस साल तृतीया तिथि 5 सितंबर की दोपहर 12 बजकर 21 मिनट से लेकर 6 सितंबर की दोपहर 3 बजकर मिनट तक होगा। उदयातिथि के अनुसार, इस वर्ष हरतालिका तीज कल यानी 6 सितंबर, दिन शुक्रवार को मनाई जाएगी।
पूजा का उत्तम समय कब रहेगा?
वैदिक पंचांग के अनुसार, हरतालिका तीज पर पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 1 मिनट से लेकर सुबह 8 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। वहीं शाम में पूजा के लिए सबसे शुभ मुहूर्त 5 बजकर 25 मिनट से लेकर 6 बजकर 37 मिनट तक रहेगा. इन दोनों शुभ मुहूर्त में हरतालिका तीज की पूजा- अर्चना करना सबसे उत्तम रहेगा।
क्या है हरतालिका तीज की सही पूजा विधि?
पूजा में पहले एक लकड़ी की चौकी लें और उस पर लाल कपड़ा बिछा लें। अब चौकी पर भगवान शिव व माता पार्वती की साफ और स्वच्छ मूर्ति या प्रतिमा स्थापित कर दें। इसके बाद जल से भरे कलश की स्थापना करें। अब धूप और दीप जलाकर भगवान शिव को चंदन और माता पार्वती का रोली से तिलक करें।
अब अक्षत, फल, फूल, श्रृंगार का सामान आदि अर्पित करें।इसके बाद हरतालिका तीज व्रत की कथा का पाठ करें। पूजा का समापन आरती के साथ करें और फिर भगवान शिव और माता पार्वती को भोग लगाएं और पूजा के दौरान हुई भूल चूक के लिए क्षमा-याचना मांगें और प्रसाद वितरण करें। पूजा के बाद विधि विधान से व्रत का पारण कर दें।
क्या है हरतालिका तीज का महत्व?
ऐसा मान्यता है कि हरतालिका तीज के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा-अर्चना करने से कुंवारी लड़कियों के विवाह में आने वाली परेशानियां दूर हो जाती हैं और मन चाहे वर की प्राप्ति होती है। वहीं सुहागिन महिलाओं के द्वारा इस दिन व्रत को करने से अखंड सौभाग्य और समृद्धि की प्राप्ति होती है और उनके पति को लंबी आयु और स्वस्थ जीवन मिलता है।