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Jyeshtha Purnima Upay: वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 32 मिनिट से होगी। वहीं इसका समापन 22 जून, शनिवार की सुबह 6 बजकर 37 मिनिट पर होगा। ऐसे में चंद्रोदय की स्थिति को देखते हुए पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जा सकता है।

Jyeshtha Purnima 2024: वैदिक पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष कुल 12 पूर्णिमा आती है। इस तरह हर माह में एक पूर्णिमा रहती है। ज्योतिष के अनुसार कुल 16 तिथियां है, जिनमें से एक है पूर्णिमा। इस तिथि का हिंदू धर्म में विशेष महत्त्व बताया गया है। इस दिन चंद्र देव की पूजा का विधान माना गया है। साथ ही इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। अभी ज्येष्ठ माह चल रहा है और इस माह की पूर्णिमा जल्द ही आने वाली है, जिसे हम ज्येष्ठ पूर्णिमा के नाम से जानेंगे। इस बार की ज्येष्ठ पूर्णिमा विशेष रहेगी क्योंकि यह एक दिन नहीं बल्कि दो दिन रहने वाली है। चलिए जानते है पूरी जानकारी। 

कब हैं ज्येष्ठ पूर्णिमा 2024 ? 
(Kab Hai Jyeshtha Purnima) 

वैदिक पंचांग के अनुसार ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 21 जून, शुक्रवार को सुबह 7 बजकर 32 मिनिट से होगी। वहीं इसका समापन 22 जून, शनिवार की सुबह 6 बजकर 37 मिनिट पर होगा। ऐसे में चंद्रोदय की स्थिति को देखते हुए पूर्णिमा का व्रत 21 जून को रखा जा सकता है। अगले दिन स्नान-दान रहेगा। 

ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा पर तुलसी का उपाय 
(Jyeshtha Purnima Par Tulsi ka Upay) 

  • - ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा के दिन जल्दी उठें और घर की साफ़-सफाई करें। 
  • - इसके बाद नहा-धोकर घर के मंदिर की सफाई करें और मां तुलसी के साथ भगवान शालिग्राम स्थापित करें। 
  • - अब भगवान शालिग्राम को गंगाजल, पंचामृत और जल अर्पित करें। साथ ही गोपी चंदन और हल्दी का तिलक लगाएं। 
  • - इसके पश्चात तुलसी के पौधे और भगवान शालिग्राम का शृंगार अवश्य करें। पूजा में घी का दीपक ही जलाएं। 
  • - पूजा में मां तुलसी को फल, मिठाई आदि का सात्विक भोग अर्पित करें। साथ ही वैदिक मंत्र का जाप करें। 
  • - अंत में मां तुलसी और भगवन शालिग्राम की आरती करें और सभी में प्रसाद बांटे। इस दिन व्रत रखने से पुण्य मिलता है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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