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Mangla Gauri Vrat 2024: सावन माह का आखिरी मंगला गौरी व्रत शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाएगा। इस दिन ब्रह्म योग निर्मित हो रहा है जोकि शाम 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके बाद इंद्र योग की शरुआत होगी।

Mangla Gauri Vrat 2024: सावन महीने का चौथा और आखिरी मंगला गौरी व्रत 13 अगस्त 2024 मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन मां गौरी की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन मां पार्वती के निमित्त व्रत रखने से साधकों के जीवन में सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है। हिंदू वैदिक पंचांग के अनुसार साल के आखिरी मंगला गौरी व्रत के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा है। जानते है शुभ योग, पूजा मुहूर्त और पूजा विधि। 

सावन के आखिरी मंगला गौरी व्रत का शुभ मुहूर्त
(Mangla Gauri Vrat Shubh Muhurat 2024)

वैदिक पंचाग के अनुसार सावन माह का आखिरी मंगला गौरी व्रत शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाएगा। इस दिन ब्रह्म योग निर्मित हो रहा है जोकि शाम 4 बजकर 30 मिनट तक रहेगा। इसके बाद इंद्र योग की शरुआत होगी। साथ ही इस दिन अनुराधा नक्षत्र और रवि योग भी निर्माण हो रहा है। अनुराधा नक्षत्र और रवि योग की शुरुआत सुबह 10 बजकर 44 मिनट पर होगी। ये सभी योग और नक्षत्र समय मां गौरी की पूजा के लिए सबसे उत्तम रहेंगे। 

मंगला गौरी व्रत पूजा विधि 2024 
(Mangla Gauri Vrat Puja Vidhi)  

  • - मंगला गौरी व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और व्रत का संकल्प लेवें। 
  • - इसके पश्चात भगवान शिव और मां पार्वती की विधिवत पूजा करें। 
  • - भगवान शिव को चंदन, बेलपत्र, धतूरा समेत अन्य सामग्री अर्पित करें। 
  • - मां गौरी को श्रृंगार सामग्री अर्पित करें। साथ ही शिवलिंग पर जल, दूध अर्पित करें। 
  • - महामृत्युंजय मंत्र का जाप निरंतर करते रहें और मां पार्वती के मंत्र का जाप भी करें। 
  • - पूजा के अंत में फल और मिठाई का भोग लगाएं, आरती करें और पूजा पूरी करें। 

मंगला गौरी व्रत का महत्व
(Mangla Gauri Vrat Mahatav) 

हिंदू धर्म शास्त्रों में मंगला गौरी व्रत को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है। मान्यता है कि इस व्रत को विधिवत संपूर्ण करने वाले साधक को अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है। कहा गया है कि इस व्रत को करने से विवाह या संतान पक्ष से जुड़ी परेशानियां भी दूर होती है। इसके अलावा इस दिन दान-पुण्य का भी विशेष महत्त्व होता है, जो ऐसा करता है उसे पाप और कष्ट्टों से मुक्ति प्राप्त होती है। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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