Khajane Ke Rakshak Saanp: 46 वर्षों बाद पुरी के जगन्नाथ मंदिर का खजाना खोला गया है। इस दौरान प्रशासन ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है। इसके लिए सांप पकड़ने वाले विशेषज्ञों को नियुक्त किया गया है। दरअसल, दशकों से खजाने के साथ सांपों की मौजूदगी की बात कही जाती रही है, जिन्हें खजाने का रक्षक माना गया है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हमेशा खजाने के साथ सांप ही क्यों मौजूद रहते है? चलिए जानते है।
धर्म के साथ होते है नाग देवता : हिंदू धर्म शास्त्रों में नाग देवता को हमेशा धर्म के साथ बताया गया है। भगवान महादेव के गले में लिपटे नाग हो या फिर जगत के पालनहार भगवान विष्णु की शैय्या बने शेषनाग। ये सभी धर्म के सारथी है। देवासुर संग्राम के दौरान समुद्र मंथन की रस्सी भी नाग देवता ही बने थे।
नाग के फन पर धरती टिकी : त्रेतायुग में भगवान राम के जन्म के साथ ही उनके छोटे भाई लक्ष्मण के रूप में शेषनाग ने ही जन्म लिया था। इसी तरह द्वापर युग में भी भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम के रूप में शेषनाग धरती पर अवतरित हुए। कहते है शेषनाग के फन पर ही धरती टिकी हुई है।
खजाने के रक्षक हैं नाग : पौराणिक कथाओं में इस बात का उल्लेख कई जगह मिलता है कि नाग ही खजाने की रक्षा करते है। धर्म शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु ने माता लक्ष्मी की रक्षा के लिए नाग देव को ही जिम्मेदारी दी है। इसलिए जहां-जहां धन-संपदा के रूप में लक्ष्मी होगी, वहां नाग देव अवश्य होंगे।
नाग हत्या का पाप : हिंदू धर्म में नाग देवता को पूज्यनीय माना गया है। यही वजह है कि सांप को मारना अक्षम्य अपराध की श्रेणी में आता है। कहा जाता है कि नाग हत्या का पाप कई पीढ़ी तक भुगतना पड़ता है। इसी वजह से जिस खजाने की रक्षा नाग करे, उसे पाना आसान नहीं होता है।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।