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Sawan Ke Upay: ज्योतिषीय सलाह के मुताबिक शरीर में मौजूद रोग या कष्ट को दूर करने के लिए अंतिम उपाय महामृत्युंजय मंत्र का जाप है। जिसे रोग मुक्ति का सर्वोत्तम उपाय बताया गया है। कहते है इस मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करने के बाद ही घर से बाहर निकलना चाहिए।

Sawan Ke Upay: देवी-देवताओं की पूजा पूरी आस्था के साथ करने से मन प्रसन्न रहता है। लेकिन पूजा में चित लगाने के लिए शरीर का स्वस्थ होना भी आवश्यक है। स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। हमारा शरीर ही हम सबके भीतर बैठे परमात्मा का मंदिर है। इसलिए ज्योतिषीय सलाह के मुताबिक शरीर में मौजूद रोग या कष्ट को दूर करने के लिए अंतिम उपाय महामृत्युंजय मंत्र का जाप है। जिसे रोग मुक्ति का सर्वोत्तम उपाय बताया गया है। कहते है इस मंत्र का कम से कम 11 बार जाप करने के बाद ही घर से बाहर निकलना चाहिए। ऐसा नियमित करने से व्यक्ति जीवनभर स्वस्थ रहता है। 

महामृत्युंजय मंत्र -

ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। 
उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥

ग्रहों के प्रतिकूल प्रभाव को दूर करने के उपाय
(Graho Ke Prabhav Ko Door Karne Ke Upay)  

  • सूर्य ग्रह दोष: सूर्य से संबंधित रोग को दूर करने के लिए महामृत्यजंय मंत्र का जाप करते आक के पुष्पों-पत्तों एवं बिल्व पत्रों से शिवलिंग पूजन करें। 
  • चंद्र ग्रह दोष : चंद्रमा की नकारात्मकता को दूर करने के लिए महामृत्यजंय मंत्र का उच्चारण करते हुए दूध और सफेद पुष्प से अभिषेक करें। 
  • मंगल ग्रह दोष : मंगल से जुड़ी बीमारी को दूर करने के लिए गिलोय जड़ी-बूटी के रस से शिव अभिषेक करें। बाद में लाल चंदन, लाल कुमकुम लगाएं। 
  • बुध ग्रह दोष : बुध ग्रह की वजह से चल रही समस्या को दूर करने के लिए शिव अभिषेक कर बेल पत्र अर्पित करें और साथ में हरे रंग से श्रृंगार करें। 
  • गुरु ग्रह दोष : कुंडली में से गुरु ग्रह के प्रतिकूल प्रभाव को कम करने के लिए शिवलिंग पर केसर का तिलक, गाय का घी, हल्दी दूध चढ़ाना चाहिए। 
  • शुक्र ग्रह दोष : शुक्र से संबंधित बीमारी को दूर करने के लिए शिवलिंग पर पंचामृत, शहद, सफेद खुशबूदार फूल चढ़ाने चाहिए। 
  • शनि ग्रह दोष : शनि ग्रह के प्रभाव को कम करने के लिए गन्ने के रस व छाछ से शिवलिंग का अभिषेक करें। नीले रंग के पुष्प से बाबा का श्रृंगार करें। 
  • राहु ग्रह दोष : राहु की शांति के लिए शिवलिंग के साथ सर्प को भी चंदन लगाएं। जलाभिषेक करें और काले तिल, नीले और बैगनी रंग के पुष्प चढ़ाएं। 
  • केतु ग्रह दोष : केतु की शांति के लिए शिवलिंग का जलाभिषेक करें। साथ ही त्रिशूल का भी अभिषेक करें और शिवलिंग पर नोंकदार बेलपत्र चढ़ाएं। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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