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वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव इस समय कुंभ राशि में वक्री अवस्था में विराजमान हैं। ऐसे में शनि देव अगले 42 दिनों तक कुछ राशियों को लाभ ही लाभ दिलाएंगे।

Shani Dev Vakri In Kumbh: वैदिक ज्योतिष शास्त्र में न्याय और कर्मफल के दाता शनि देव को कहा गया है। शनि देव एक निश्चित समय पर वक्री और मार्गी होते हैं। शनि देव के वक्री और मार्गी होने से मानव जीवन और देश-दुनिया पर प्रभाव देखने को मिलता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, शनि देव ने 30 जून को वक्री अवस्था में प्रवेश किया था।

अब शनि देव नवरात्रि, दशहरा, दिवाली और छठ में भी वक्री अवस्था में ही रहेंगे। ऐसे में कुंभ राशि में शनि देव 15 नवंबर तक वक्री अवस्था में ही रहेंगे। अगले 42 दिनों में कुछ राशि के लोगों की किस्मत बदलने वाली है। तो आज इस खबर में जानेंगे कि शनि के वक्री अवस्था में रहने से किन-किन राशियों की जिंदगी बदल सकती है।

मेष राशि (Aries Zodiac)

शनि देव के कुंभ राशि में उलटी चाल चलने से मेष राशि वाले जातकों की अचानक किस्मत चमक सकती है, क्योंकि शनि देव मेष राशि वाले जातकों की कुंडली के इनकम और लाभ स्थान में वक्री किए है। अगले 42 दिनों में मेष राशि वाले जातकों की आय में वृद्धि होने की संभावना है। साथ ही साथ इनकम के नए-नए स्रोत भी बनेंगे। शनि देव की कृपा से धन-धान्य में वृद्धि होगी।

मिथुन राशि (Mithun Zodiac)

मिथुन राशि वाले जातकों के लिए शनि का वक्री होना किसी वरदान से कम साबित नहीं होगा, क्योंकि शनि देव मिथुन राशि वाले जातकों की कुंडली के नवम भाव में वक्री हुए हैं। ऐसे में मिथुन राशि वाले जातकों को किस्मत का साथ मिलेगा। साथ ही नए-नए संबंध बनने की संभावना है। यात्रा के संयोग बन रहे हैं। करियर और कारोबार संबंधित कुछ अच्छी खुशखबरी मिल सकती है।

कुंभ राशि (Kumbh Zodiac)

अगले 42 दिनों तक कुंभ राशि वाले जातकों पर शनि देव मेहरबान रहेंगे, जिससे लाभ की स्थिति बन रही है। शनि देव कुंभ राशि के लग्न भाव में वक्री हुए हैं। इसलिए शश राजयोग का भी निर्माण हुआ है। शनि देव के कुंभ राशि में वक्री होने से आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। साथ ही साथ नई नौकरी की योजनाएं भी बना सकते हैं। आपके रुके हुए कार्य पूर्ण होंगे। वहीं, जो लोग शादीशुदा है उनके जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।

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डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।

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