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Shani Pradosh Vrat Ka Mahatva: शनिवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसे 'शनि प्रदोष व्रत' कहा जाएगा। इस दिन शनिदेव की पूजा अर्चना करने से शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है।

Shani Pradosh Vrat Ke Upay: सावन महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाएगा। यह तिथि 17 अगस्त 2024 शनिवार के दिन पड़ रही है। शनिवार के दिन पड़ने की वजह से इस तिथि को 'शनि प्रदोष व्रत' के रूप में जाना जाएगा। इस बार शनि प्रदोष व्रत पर भगवान शिव और मां पार्वती के साथ-साथ शनिदेव की भी पूजा करना न भूलें। शनि प्रदोष व्रत करने के कुंडली से शनि का प्रभाव कम होगा और जीवन में बरकत और खुशियां आने लगेंगी। 

शनि प्रदोष व्रत का महत्व
(Shani Pradosh Vrat Ka Mahatva)

शनिवार के दिन प्रदोष व्रत होने से इसे 'शनि प्रदोष व्रत' कहा जाएगा। इस दिन शनिदेव की पूजा अर्चना करने से शनि की महादशा का प्रभाव कम होता है। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा से साधक को संतान प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। इस व्रत के प्रभाव से जीवन में किये सभी पापों का नाश होता है और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है। धार्मिक मान्यताओं की माने तो इस व्रत के प्रभाव से शरीर सभी बीमारियों से मुक्त होने लगता है। 

शनि प्रदोष व्रत के सरल उपाय
(Shani Pradosh Vrat Ke Upay) 

  • - शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति पाने के लिए शिवलिंग पर जल, काला तिल और शमी के पत्ते अर्पित करें। इसके बाद शिव चालीसा का पाठ करें। 
  • - जीवन के सभी कष्ट और बाधाओं को दूर करने के लिए 1 कटोरी सरसों के तेल में अपनी छाया देखें और इसे शनि मंदिर में दान कर दें। 
  • - जीवन में सुख-समृद्धि, खुशहाली के लिए शनि प्रदोष के दिन मुख्य द्वार पर घोड़े की नाल लगावें। 
  • - भोलेनाथ और शनिदेव की कृपा के लिए शिवलिंग पर 108 बेलपत्र अर्पित करें। साथ ही उड़द दाल,  काले जूते, और कपड़े आदि का दान करें। 

डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।
 

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