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Trump's Tariff: व्हाइट हाउस ने कहा है कि यह आयात शुल्क कई प्रमुख ऑटो पार्ट्स जैसे इंजन, ट्रांसमिशन, पावरट्रेन और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पर लगाया जाएगा, जिससे नई कारों की कीमतों में भारी उछाल आएगा।

Trump's Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा घोषित 25% ऑटो टैरिफ से न केवल नई कारों की कीमतें प्रभावित होंगी, बल्कि यह सेकेंड हैंड कार बाजार में भी बड़ी हलचल मचा सकता है। 3 अप्रैल से लागू होने वाले इन नए शुल्कों के कारण अमेरिका में पुरानी कारों की मांग तेजी से बढ़ सकती है।

नई कारों की कीमतों पर सीधा असर
व्हाइट हाउस ने स्पष्ट किया कि यह आयात शुल्क कई प्रमुख ऑटो पार्ट्स जैसे इंजन, ट्रांसमिशन, पावरट्रेन और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स पर लगाया जाएगा, जिससे नई कारों की कीमतों में भारी उछाल आएगा। औसत कार की कीमत पहले ही $47,000 के करीब थी, लेकिन नए टैरिफ के कारण यह $5,000 से $10,000 तक बढ़ सकती है। मैक्सिको और कनाडा से आयातित कारों पर भी अगर यह शुल्क लागू हुआ, तो कीमतें और ज्यादा बढ़ सकती हैं। पहले ही महामारी और चिप की कमी से जूझ रही ऑटो इंडस्ट्री के लिए यह एक और बड़ा झटका होगा।

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सेकेंड हैंड कारों का बाजार क्यों बदलेगा?
नई कारें महंगी होने से कई ग्राहक पुरानी कारों की ओर रुख कर सकते हैं, लेकिन यह बाजार भी पहले से ही संकट में है। पिछले कुछ वर्षों में कम लीज दर के चलते 2-3 साल पुरानी कारों की उपलब्धता बेहद कम हो गई है। अमेरिका में सेकेंड हैंड कार खरीदने का चलन उतना ज्यादा नहीं है, लेकिन नई कारों की कीमत बढ़ने से लोग अब इसी विकल्प को प्राथमिकता देंगे। औसत सेकेंड हैंड कार की कीमत पहले ही $25,000 है, लेकिन मांग बढ़ने से यह और अधिक हो सकती है।

अमेरिकी ऑटो इंडस्ट्री और वैश्विक प्रतिक्रिया
ट्रम्प प्रशासन का दावा है कि यह टैरिफ अमेरिकी मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देगा और हर साल $100 बिलियन का रेवेन्यू जनरेट करेगा। प्रेसिडेंट ट्रम्प का मानना है कि यह फैसला अमेरिका में नई फैक्ट्रियों के निर्माण और रोजगार सृजन में मदद करेगा। हालांकि, कनाडा और यूरोपीय संघ (EU) ने इस फैसले की आलोचना की है और संभावित आर्थिक संकट की चेतावनी दी है।

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क्या होगा असर?
अगर यह टैरिफ 3 अप्रैल से लागू होता है, तो अमेरिका में नई और पुरानी दोनों कारों की कीमतें बढ़ेंगी। इसके चलते सेकेंड हैंड कारों की भारी मांग देखने को मिल सकती है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या अब अमेरिका में सेकेंड हैंड कार खरीदने का चलन तेजी से बढ़ेगा?

(मंजू कुमारी)
 

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