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Second Hand Bike Buying Tips: यूज्ड मोटरसाइकिल खरीदते समय सही जानकारी और सतर्कता आवश्यक है। गलत निर्णय से यह बाइक आपका समय और पैसा दोनों बर्बाद कर सकती है।

Second Hand Bike Buying Tips: सेकंड-हैंड सुपरबाइक खरीदना एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है। कई लोग इसे जोखिम भरा मानते हैं, क्योंकि खराब स्थिति वाली बाइक समय और पैसा दोनों की बर्बादी कर सकती है। लेकिन सही जानकारी और सतर्कता से एक बेहतरीन डील पाना संभव है। आइए जानते हैं कि पुरानी सुपरबाइक खरीदते समय किन महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान देना चाहिए।

1. चेतावनी संकेतों को पहचानें

  • पुरानी बाइक खरीदते समय कुछ संकेतों पर गौर करें: बाइक को खुद देखें: सिर्फ तस्वीरों के आधार पर फैसला न करें, बल्कि बाइक को खुद जाकर जांचें।
  • कागजात की जांच करें: रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (RC), इंश्योरेंस और पूर्व मालिकों की संख्या को सुनिश्चित करें।
  • बाइक की फिजिकल कंडीशन देखें: टायर घिसे हुए तो नहीं हैं? बॉडी पैनल और प्लास्टिक टूटा या रिपेयर तो नहीं किया गया? ब्रेक और क्लच लीवर, हैंडलबार जरूरत से ज्यादा घिसे तो नहीं दिख रहे?
  • विक्रेता से सवाल पूछें: कोई भी संदेह हो तो विक्रेता से स्पष्ट जवाब मांगें। यदि वह जानकारी छिपाने की कोशिश करे, तो यह खतरे का संकेत हो सकता है।
  • बकाया चालान या लंबित शुल्क जांचें: बाइक के रजिस्ट्रेशन नंबर से ऑनलाइन चेक करें कि उस पर कोई चालान या केस तो नहीं है। यदि मामूली पेंडिंग चार्ज हैं, तो विक्रेता को पहले उन्हें क्लियर करने के लिए कहें।
  • इंजन की स्थिति देखें: यदि इंजन से तेल का रिसाव हो रहा हो या गैसकेट लीक हो रही हो, तो सतर्क रहें। एक अच्छी तरह से मेंटेन की गई बाइक आमतौर पर साफ-सुथरी और दुरुस्त दिखती है।

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2. सर्विस रिकॉर्ड की जांच करें
बाइक की सही स्थिति जानने के लिए उसके सर्विस रिकॉर्ड की जांच करना जरूरी है।

  • सर्विस हिस्ट्री मांगें: एक भरोसेमंद विक्रेता के पास सर्विसिंग की पूरी जानकारी होगी, चाहे वह कंपनी के सर्विस सेंटर से हुई हो या किसी प्राइवेट मैकेनिक से।
  • डीलरशिप से पुष्टि करें: यदि विक्रेता सर्विस रिकॉर्ड देने में संकोच कर रहा है, तो आप कंपनी के अधिकृत सर्विस सेंटर से इसकी पुष्टि कर सकते हैं।

3. मैकेनिकल स्थिति की जांच करें
अगर आपको बाइक के मैकेनिकल पार्ट्स की अच्छी जानकारी है, तो खुद जांच करें, अन्यथा किसी एक्सपर्ट की मदद लें। किसी भरोसेमंद मैकेनिक को साथ ले जाएं, जिसे सुपरबाइक की समझ हो टेस्ट राइड जरूर लें। अगर विक्रेता टेस्ट राइड देने से मना करता है, तो यह एक बड़ा खतरे का संकेत हो सकता है। ऐसी स्थिति में डील को छोड़ देना ही सही रहेगा।

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4. सुरक्षित रूप से डील फाइनल करें
सभी दस्तावेज सही तरीके से चेक करने के बाद ही डील फाइनल करें। बाइक की ओनरशिप अपने नाम पर ट्रांसफर करवाना न भूलें। अगर आप इन सभी बातों का ध्यान रखते हैं, तो सेकंड-हैंड सुपरबाइक खरीदने का अनुभव सुरक्षित और फायदेमंद रहेगा।


(मंजू कुमारी)
 

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