SEBI chief Madhabi Buch: कांग्रेस ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच की सैलरी और स्टॉक ऑप्शन्स को लेकर नए सवाल उठाए हैं। मंगलवार को पार्टी ने ICICI बैंक के उस बयान पर सवाल किया है, जिसमें कहा गया कि बुच को दिया गया भुगतान उनके बैंक में कार्यकाल के दौरान मिले रिटायरमेंट बेनिफिट का हिस्सा था। कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पूछा कि कैसे किसी व्यक्ति का सेवानिवृत्ति लाभ उसके कर्मचारी के रूप में प्राप्त वेतन से ज्यादा हो सकता है।
'सेवानिवृत्ति लाभ कर्मचारी की सैलेरी से ज्यादा कैसे संभव?'
- कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा- "2007 से 2013-14 तक बुच की एवरेज एनुअल सैलरी 130 लाख रुपए थी, जबकि 2016-17 से 2020-21 के बीच ICICI बैंक ने उन्हें औसतन 277 लाख रुपए प्रति वर्ष का रिटायरमेंट बेनिफिट दिया। यह कैसे संभव है कि सेवानिवृत्ति लाभ कर्मचारी के वेतन से अधिक हो?"
- कांग्रेस ने यह भी सवाल उठाया कि अगर बुच को 2014-15 में 5.03 करोड़ रुपए का रिटायरमेंट बेनिफिट दिया गया, तो यह लाभ 2016-17 से 2021 तक क्यों और कैसे जारी रहा। कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि बुच, जो 2017 से 2024 तक SEBI की पूर्णकालिक सदस्य थीं, उस दौरान सैलरी और ESOP भी ले कर रही थीं।
कांग्रेस के आरोपों पर आईसीआईसीआई बैंक की सफाई
वहीं, ICICI बैंक ने कहा कि बुच को उनके रिटायरमेंट के बाद से कोई सैलरी या ESOP नहीं दिया गया है, बल्कि उन्होंने केवल रिटायरमेंट बेनिफिट प्राप्त किया है। बैंक ने यह भी स्पष्ट किया कि बुच ने 31 अक्टूबर 2013 से प्रभावी रूप से सेवानिवृत्ति ली थी।
ICICI बैंक आधिकारिक दस्तावेज़ पेश करे: कांग्रेस
कांग्रेस ने बैंक की उस सफाई पर भी सवाल उठाया, जिसमें कहा गया कि रिटायर्ड कर्मचारी 10 साल तक अपने ESOP का इस्तेमाल कर सकते हैं। कांग्रेस ने मांग की कि ICICI बैंक इस मामले में आधिकारिक दस्तावेज़ पेश करे, क्योंकि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी के अनुसार, यह अवधि सिर्फ तीन महीने है।