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FICCI-EY Report: फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI-EY) की रिपोर्ट के मुताबिक, प्रिंट मीडिया का राजस्व 4 फीसदी के हिसाब से बढ़ा, जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाली ग्रोथ है।

FICCI-EY Report: भारत में मीडिया और मनोरंजन (एंटरटेनमेंट) बिजनेस के लिहाज से मौजूदा फाइनेंशियल ईयर काफी धीमा रहा है। मीडिया एंड एंटरटेनमेंट (M&E) इंडस्ट्री में वर्ष 2022 के मुकाबले 2023 में सिर्फ 8 फीसदी की ग्रोथ रिकॉर्ड की गई। हालांकि, इससे पहले दो सालों तक इंडस्ट्री की वृद्धि दर दो अंकों में दर्ज की गई थी। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI-EY) की रिपोर्ट की मानें तो M&E बिजनेस रेवेन्यू में डिजिटल सेक्टर इस साल (2024) के खत्म होते-होते टेलीविजन से काफी आगे निकल जाएगा।

कमाई के मामले में फिल्म इंडस्ट्री के लिए 2023 शानदार
फिक्की की वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, अभी मीडिया और मनोरंजन इंडस्ट्री में विज्ञापन (एडवरटीजमेंट) और भुगतान से 2.33 लाख करोड़ रुपए रेवेन्यू आ रहा है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री के लिए साल 2023 सबसे शानदार रहा है। इसके बिजनेस में 14 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। हालांकि, टेलीविजन के राजस्व में विज्ञापन में मंदी और डिजिटल के असर से 2 फीसदी की गिरावट आई है।

प्रिंट मीडिया के राजस्व में 4% की वृद्धि चौंकाने वाली 
दूसरी ओर, ऑनलाइन गेमिंग और लाइव स्ट्रीमिंग बिजनेस सबसे तेजी के साथ आगे बढ़ रहे हैं। इसके अलावा प्रिंट मीडिया में विज्ञापन से राजस्व 4 फीसदी के हिसाब से बढ़ा है, जो सबसे ज्यादा चौंकाने वाला है। अनुमान है कि 2024 में राजस्व के मामले में डिजिटल, टेलीविजन से बहुत आगे निकल जाएगा। इस साल मीडिया सेक्टर में 10.2 फीसदी ग्रोथ की उम्मीद है, जिससे इसका रेवेन्यू बढ़कर 2.55 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। इसके बाद आंकड़ा 2026 तक 3.08 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है।

भारतीय M&E सेक्टर कई विकसित देशों से आगे
रिपोर्ट में मीडिया और एंटरटेनमेंट बिजनेस के दिग्गज आशीष फेरवानी ने कहा कि पिछले कुछ वक्त में यह सेक्टर देश की जीडीपी की तुलना में धीमी गति से बढ़ा है। जियो पॉलिटिकल सिनेरियो, जंग के हालात, फंड की कमी और नियामकीय प्रतिबंधों के चलते विज्ञापन मद के खर्च में कमी आई। फिर भी भारतीय M&E सेक्टर कई विकसित देशों से आगे चल रहा है। 1.1 लाख करोड़ रुपये के साथ विज्ञापन अब जीडीपी का 0.33 फीसदी है, जो डेवपल्ड मार्केट की तुलना में बहुत कम है। विकसित देशों में यह 0.6 से 1% के बीच है।

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