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GDP Growth:  इंडियन इकोनॉमी ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की सभी तिमाहियों में 8% से अधिक की विकास दर हासिल की है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यह दर 7% थी। इस लिहाज से देखें तो बीते वित्त वर्ष की तुलना में GDP में 1.2% की तेजी आई है।

GDP Growth:  इंडियन इकोनॉमी ने फाइनेंशियल ईयर 2023-24 की सभी तिमाहियों में 8% से अधिक की विकास दर हासिल की है। पिछले वित्त वर्ष 2022-23 में यह दर 7% थी। इस लिहाज से देखें तो बीते वित्त वर्ष की तुलना में GDP में 1.2% की तेजी आई है। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, जनवरी से मार्च तिमाही में जीडीपी 7.8% रही। यह रिजर्व बैंक की ओर से लगाए गए 7% के अनुमान से ज्यादा है। 

तिमाही दर तिमाही जीडीपी की वृद्धि
वित्त वर्ष 2023-24 में, भारतीय अर्थव्यवस्था ने अक्टूबर-दिसंबर तिमाही में 8.4%, सितंबर तिमाही में 8.1%, और जून तिमाही में 8.2% की दर से वृद्धि दर्ज की थी। पूरे वित्त वर्ष में औसत विकास दर 8.2% रही है। भारत का राजकोषीय घाटा वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 16.54 लाख करोड़ रुपए रहा, जो सरकार के अनुमानित 5.8% से कम होकर 5.6% पर आ गया। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में जीडीपी वृद्धि 7.8% रही, जो पिछले साल की समान तिमाही (Q4FY23) में 6.1% थी।

मैन्युफैक्चरिंग और माइनिंग सेक्टर की वृद्धि
वित्त वर्ष 2023-24 में नॉमिनल जीडीपी का ग्रोथ रेट 9.6% रहा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में तगड़ा उछाल आया है, जो पिछले वित्त वर्ष के -2.2% से बढ़कर 9.9% हो गया। माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ भी 1.9% से बढ़कर 7.1% हो गई। चौथी तिमाही में मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ बढ़कर 8.9% हो गई, जबकि माइनिंग ग्रोथ 2.9% से बढ़कर 4.3% हो गई। कंस्ट्रक्शन ग्रोथ 7.4% से बढ़कर 8.7% हो गई है।

शहरी मांग और इन्फ्रास्ट्रक्चर खर्च
मजबूत शहरी मांग और इन्फ्रास्ट्रक्चर पर अधिक खर्च के चलते भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है। भारतीय रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2025 में अर्थव्यवस्था लगभग 8% की दर से बढ़ेगी।

जीडीपी क्या है?
जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) एक निश्चित अवधि में देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को मापता है। इसमें देश की सीमा के अंदर स्थित विदेशी कंपनियों के उत्पादन को भी शामिल किया जाता है। जीडीपी इकोनॉमी की स्थिति को दर्शाती है।

रियल और नॉमिनल जीडीपी
जीडीपी दो प्रकार की होती है: रियल जीडीपी और नॉमिनल जीडीपी। रियल जीडीपी में वस्तुओं और सेवाओं की मूल्य का कैलकुलेशन बेस ईयर की वैल्यू या स्थिर मूल्य पर किया जाता है। वर्तमान में बेस ईयर 2011-12 है। नॉमिनल जीडीपी का कैलकुलेशन वर्तमान मूल्य पर किया जाता है। वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में ग्रॉस वैल्यू एडेड (GVA) 6.3% रहा। पूरे वर्ष में GVA 7.2% की दर से बढ़ा, जो पिछले वित्त वर्ष 7.0% था।

GVA क्या है?
GVA किसी अर्थव्यवस्था में कुल आउटपुट और इनकम का संकेतक है। यह बताता है कि एक निर्धारित अवधि में इनपुट कॉस्ट और कच्चे माल का मूल्य निकालने के बाद कितने रुपए की वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन हुआ। नेशनल अकाउंटिंग के नजरिए से, मैक्रो लेवल पर GDP में सब्सिडी और टैक्स निकालने के बाद जो आंकड़ा मिलता है, वह GVA होता है।

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