Gold Price Hike: पिछले कुछ महीनों से दुनियाभर के देशों में सोने की कीमतों (Gold Price) में बंपर तेजी देखी गई है। गोल्ड रेट अक्टूबर 2023 के बाद से करीब 29 प्रतिशत ऊपर जा चुके हैं। इसके अलावा अमेरिकी इंफ्लेशन डेटा में मजबूती और अमेरिकी फेडरल रिजर्व के संभावित ब्याज दरों में कटौती की अटकलों से शुक्रवार (12 अप्रैल) को सोने के दामों में घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में बड़ा उछाल देखने को मिला है। कॉमेक्स पर सोना 2,412 डॉलर प्रति औंस की रिकॉर्ड ऊंचाई पर है।
जेफ़रीज़ की लालच और डर रिपोर्ट में क्या?
सीएनबीसी-टीवी18 की रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की इस हालिया बढ़ोतरी से परेशान होकर जेफ़रीज़ के क्रिस वुड ने अपनी लालच और डर रिपोर्ट जारी की है। इसमें उन्होंने गोल्ड प्राइस में असमान्य बढ़ोतरी के संभावित कारणों को समझाने की कोशिश की। क्रिस वुड ने बताया है कि सोने के भाव में वृद्धि खासतौर से चीन की मजबूत डिमांड के साथ-साथ गोल्ड के प्रति निवेशकों के उत्साह में कमी की वजह से हुई है।
विशेषज्ञ सोने के भाव में तेजी से हैरान
उन्होंने आगे कहा- पिछले कुछ महीनों के घटनाक्रम पर नजर डालें तो इनसे निवेशकों के उत्साह में कमी नजर आती है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि आखिर मौजूदा तेजी की वजह क्या है? सबसे पहले चीन से आ रही मांग है। फिर भी इसकी पुष्टि करने के लिए ठोस आंकड़ों की कमी है। दूसरी ओर, सोने की कीमतें और मुद्रास्फीति के आंकड़े उम्मीदों के उलट लगते हैं। इंफ्लेशन बढ़ने के बावजूद कीमतों की गति धीमी हो गई है। हालांकि, आश्चर्यजनक रूप से गोल्ड प्राइस ऊपर जा रहा है।
डॉलर ऑलटाइम हाई, लेकिन सोना नहीं गिरा?
उधर, मार्च में अमेरिकी मुद्रास्फीति में आए बड़े उछाल ने डॉलर को 34 साल में ऑलटाइम हाई पर पहुंचा दिया। आमतौर पर सोने और तेल की कीमत ग्लोबल लेवर पर डॉलर में होती है, इसलिए डॉलर की मजबूती कमोडिटी की कीमतों को दबा देती है। गोल्ड प्राइस इसका भी खंडन कर रहे हैं। लालच और डर को इसका कोई अंदाजा नहीं है कि इस स्थिति के पीछे कौन है? पहले ही सोने में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इसमें अक्टूबर और फरवरी के बीच 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई। जबकि कच्चे तेल के दाम दिसंबर से अब तक 25 प्रतिशत बढ़े हैं।
गोल्ड प्राइस में यह उछाल क्यों चौका रहा?
क्रिस वुड को सोने की कीमतों में उछाल आश्चर्यजनक लगता है। इसका पहला कारण है- पश्चिमी देशों में गोल्ड ईटीएफ में निवेश कम हुआ। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक, 2023 में 254 टन की कमी के बाद बुधवार तक होल्डिंग्स सालाना आधार पर 120 टन घटकर 2542 टन पर आ गई। दूसरी वजह है- सिंगापुर में गोल्ड बार और सिक्कों पर फिजिकल प्रीमियम सामान्य 1-2 फीसदी पर है, जो पिछली रिकॉर्ड तेजी (2011 और 2012) के दौरान 7-8 प्रतिशत के बिल्कुल उलट है।
तीसरी मुख्य वजह- अमेरिकी ईगल बुलियन क्वाइन की बिक्री बढ़ने का कोई संकेत नहीं है। यह फरवरी में 19,500 औंस से घटकर मार्च में 12,000 औंस पर आ गई है, जो 2019 के बाद से मार्च की बिक्री के लिए सबसे कम है। लेकिन इस साल गोल्ड माइनिंग स्टॉक में तेजी आई है, लेकिन ये सराफा बाजार की अपेक्षाओं के उलट है। चौथा कारण- मौजूदा सराफा भाव के आधार पर गोल्ड स्टॉक सस्ते हैं। NYSE अरका गोल्ड बग्स इंडेक्स दिसंबर 2005 के लेवल ट्रेड कर रहा है, जब गोल्ड प्राइस करीब 500 अमेरिकी डॉलर प्रति औंस पर थी।