Ola Electric Share: देश की सबसे बड़ी इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर कंपनी ओला इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (Ola Electric Mobility) ने दिवाली से पहले निवेशकों को तगड़ा झटका दिया है। मंगलवार (29 अक्टूबर) को धनतेरस के दिन ओला के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। आज BSE पर यह शेयर इंट्राडे ट्रेड में 3 प्रतिशत गिरकर 75.20 रुपए के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गए। ओला इलेक्ट्रिक का शेयर अब इश्यू प्राइस से नीचे गिरने के कारण बाजार में चर्चा का विषय बन चुका है।
ओला शेयर ने 20 अगस्त को छुआ था रिकॉर्ड हाई
9 अगस्त 2024 को ओला इलेक्ट्रिक ने शेयर बाजार में अपनी शुरुआत की थी और इसके बाद 20 अगस्त को इसने 157.53 रुपए का रिकॉर्ड उच्चतम स्तर छुआ। हालांकि, तब से लेकर अब तक इसके शेयर की कीमत लगभग 52% गिर चुकी है, और हाल में यह बीएसई पर 75.20 रुपए के रिकॉर्ड निचले स्तर पर पहुंच गया, जो इसके इश्यू प्राइस 76 रुपए से भी नीचे है।
क्या हैं ओला शेयर के गिरने के कारण?
मार्केट एनालिस्ट्स के मुताबिक, ओला इलेक्ट्रिक की हालिया गिरावट में प्रमुख कारण प्रोडक्ट्स और आफ्टर-सेल्स सर्विस से जुड़ी शिकायतें और ई-टू-व्हीलर मार्केट में बढ़ती प्रतिस्पर्धा हैं। यह स्थिति ब्रांड की इमेज पर निगेटिव असर डाल रही है और बाजार हिस्सेदारी को भी प्रभावित कर सकती है।
ओला इलेक्ट्रिक पर बाजार विशेषज्ञों की राय?
भारत में ईवी अपनाने की रफ्तार तेज हो रही है, जिससे ओला के लिए मीडियम पीरियड में विकास की संभावना है। कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के विश्लेषक मानते हैं कि कंपनी की वर्टिकल इंटीग्रेटेड बिजनेस मॉडल और सबसे अधिक इंसेंटिव वाली स्थिति इसे तेज विस्तार में सहायक साबित हो सकती है। हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा के चलते कंपनी की बाजार हिस्सेदारी और उत्पाद की गुणवत्ता से जुड़े जोखिम बने हुए हैं। कोटक ने ओला इलेक्ट्रिक के शेयर पर "Reduce" रेटिंग दी है और 80 रुपए का टारगेट प्राइस रखा है।
ओला की बाजार हिस्सेदारी घटकर आ सकती है 25% पर
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एंबिट कैपिटल के विश्लेषकों का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2031 तक ओला इलेक्ट्रिक की बाजार हिस्सेदारी घटकर 25% हो सकती है, क्योंकि इस बाजार में नई कंपनियों जैसे होंडा और सुजुकी का प्रवेश संभावित है। साथ ही, सरकारी नीतियों में बदलाव और एक कैपेक्स-गहन बिजनेस मॉडल के कारण भी ओला इलेक्ट्रिक के मुनाफे पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।