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Ratan Tata will: उद्योगपति रतन टाटा का निधन 9 अक्टूबर 2024 को मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में हुआ, जहां उम्र के कारण एक रेगुलर हेल्थ चेकअप के लिए उन्हें भर्ती किया गया था।

Ratan Tata will: टाटा ट्रस्ट के पूर्व चेयरमैन दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की 10,000 करोड़ रुपए की वसीयत सामने आई है, जिसमें आखिरी कुछ सालों में उनके करीबी सहयोगी शांतनु नायडू का नाम भी शामिल है। टाटा ने अपनी वसीयत में अपने कुत्ते टीटो के देखभाल के लिए भी विशेष प्रावधान रखा है। रतन टाटा और नायडू के बीच का गहरा रिश्ता उनके कुत्तों के प्रति एक जैसे जुड़ाव की वजह से बना था।

रतन टाटा ने नायडू के प्रोजेक्ट में हिस्सेदारी छोड़ी
मूलत: पुणे के रहने वाले शांतनु नायडू ने रिफ्लेक्टिव कॉलर प्रोजेक्ट और अन्य सामाजिक प्रासंगिक योजनाओं के जरिए टाटा का ध्यान आकर्षित किया था। अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, रतन टाटा ने नायडू के "गुडफेलोज" प्रोजेक्ट में अपनी हिस्सेदारी छोड़ दी है और उनकी फॉरेन स्टडी के खर्च को फ्री कर दिया है।

रतन टाटा की वसीयत की अहम बातें...
टाटा की वसीयत में 2,000 वर्ग फुट का अलीबाग बीच बंगला, मुंबई के जुहू तारा रोड पर स्थित दो मंजिला घर, 350 करोड़ रुपए से ज्यादा की फिक्स्ड डिपॉजिट और टाटा संस में 0.83% हिस्सेदारी शामिल है, जो अब रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन (RTEF) को ट्रांसफर की जाएगी।

शांतनु नायडू और रतन टाटा के बीच गहरा रिश्ता

  • रतन टाटा ने अपने सबसे प्रिय डॉग टीटो के लिए वसीयत में खास इंतजाम किया है ताकि उनके दुनिया से चले जाने के बाद भी डॉग की देखभाल सही तरीके से होती रहे। शांतनु नायडू, जिन्होंने टाटा समूह के एक कर्मचारी के रूप में शुरुआत की थी। बाद में वह अमेरिका में मास्टर्स करने के बाद टाटा के पर्सनल ऑफिस RNT में ज्वाइंन हुए। 
  • नायडू ने अपनी रेगुलर लॉब के अलावा कई सोशल प्रोजेक्ट्स पर काम किया, जिसमें सीनियर सिटीजंस के लिए 2022 में लॉन्च की गई "गुडफेलोज" सर्विस भी शामिल है। बता दें कि रतन टाटा ने अपनी नाजुक हेल्थ कंडीशन के बावजूद "गुडफेलोज" के उद्घाटन में शिरकत की थी। इस प्रोजेक्ट में टाटा ने एक अज्ञात फंड का निवेश किया था।

कितनी संपत्ति छोड़ गए हैं उद्योगपति रतन टाटा?
रतन टाटा का कोलाबा स्थित "हालेकाई" निवास, जिसमें वे अपने अंतिम समय तक रहे, टाटा संस की 100% सब्सिडियरी ईवार्ट इंवेस्टमेंट्स के स्वामित्व में है, जिसके भविष्य का फैसला ईवार्ट द्वारा किया जाएगा। जुहू में स्थित उनका पारिवारिक घर भी परिवार को विरासत में मिला है और इसे बेचने की योजना है, क्योंकि यह दो दशक से बंद पड़ा है। रतन टाटा के कार कलेक्शन में 20-30 लग्जरी गाड़ियां शामिल हैं, जिनका भविष्य टाटा ग्रुप के पुणे म्यूजियम में प्रदर्शनी या नीलामी के जरिए तय किया जा सकता है।

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