RBI Repo Rate Update:भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार(6 दिसंबर) को मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक में कई अहम फैसले लिए। रिजर्व बैंक ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर स्थिर रखा है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी मीटिंग के बाद इसकी जानकारी दी। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या लोन महंगा होगा या फिर EMI बढ़ेगी या नहीं। यहां जानिए,एमपीसी के फैसलों का क्या होगा असर।
आरबीआई के फैसलों का क्या होगा असर?
विशेषज्ञों के मुताबित आरबीआई का यह फैसला लोन लेने वालों के लिए राहत भरा साबित होगा। इससे ईएमआई पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही लोन भी महंगा नहीं होगा। इसके साथ ही आरबीआई ने महंगाई को काबू करने का खास ध्यान रखा है। साथ ही यह मीटिंग में किसानों को मिलने वाली लोन की लिमिट को बढ़ाकर रुरल इकोनॉमी को बढ़ावा देने की भी कोशिश की गई है।
रेपो रेट स्थिर, EMI पर राहत
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मीटिंग के बाद बताय कि रेपो रेट 6.5% पर बनी रहेगी। यह फैसला ब्याज दरों में स्थिरता लाने और महंगाई को काबू में रखने के मकसद से लिया गया है। इससे न केवल मौजूदा लोन महंगे होने से बचेंगे, बल्कि नई ईएमआई भी नहीं बढ़ेगी। फरवरी 2023 के बाद से यह दर नहीं बदली गई है। ऐसा माना जा रहा है कि आरबीआई ने अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाए रखने के लिए यह कदम उठा रहा है।
रेपो रेट तय करने में एमपीसी की भूमिका अहम
मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की रेपो रेट तय करने में अहम भूमिका होती है। मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) में कुल 6 सदस्य शामिल हैं। इनमें 3 सदस्य आरबीआई के अधिकारी और 3 सरकार द्वारा नियुक्त किए गए हैं। कमेटी के 6 में से 4 सदस्यों ने ब्याज दर में किसी भी बदलाव के खिलाफ वोट दिया। इसका नतीजा यह हुआ कि SDF रेट 6.25% और MSF रेट 6.75% पर बरकरार हैं।
महंगाई नियंत्रण में कैश रिजर्व रेश्यो का योगदान
RBI ने कैश रिजर्व रेश्यो (CRR) को 4.5% से घटाकर 4% कर दिया है। बैंकों को केंद्रीय बैंक के पास जमा रखने वाली न्यूनतम राशि में कमी का उद्देश्य अर्थव्यवस्था में लिक्विडिटी बढ़ाना है। यह कदम महंगाई को नियंत्रित करने और वित्तीय संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा। सीआरआर घटना बैंकों के लिए राहत भरी खबर है, क्योंकि इससे उनका कैश फ्लो कम नहीं होगा। इस बदलाव से सिस्टम में 1.16 लाख करोड़ का कैश फ्लो होने की उम्मीद है।
डिजिटल सुरक्षा के लिए AI आधारित पहल
डिजिटल धोखाधड़ी रोकने के लिए आरबीआई ने एक नई पहल की है। ‘MuleHunter.ai’ नामक एक एआई आधारित मॉडल विकसित किया गया है। यह मॉडल ऑनलाइन ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाएगा और वित्तीय धोखाधड़ी के मामलों में कमी लाएगा। डिजिटल ट्रांजेक्शन को सुरक्षित बनाने की यह पहल ग्राहकों के विश्वास को बढ़ाएगी।
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कृषि लोन की सीमा बढ़ी
किसानों को ध्यान में रखते हुए आरबीआई ने कोलेटरल फ्री लोन की सीमा बढ़ाने का फैसला लिया। यह सीमा 1.6 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है। यह फैसला किसानों की बढ़ती लागत और महंगाई के असर को देखते हुए लिया गया है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। किसानों को सीधा लाभ होगा।
FY25 के महंगाई अनुमान में बदलाव
RBI ने FY25 के लिए महंगाई अनुमान को 4.5% से बढ़ाकर 4.8% कर दिया है। यह अनुमान Q3 और Q4 के लिए बढ़ती कीमतों और वैश्विक आर्थिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए संशोधित किया गया है। Q3FY25 के लिए महंगाई दर 5.7% और Q4FY25 के लिए 4.5% आंकी गई है। यह बदलाव वैश्विक आर्थिक स्थिति और घरेलू बाजार में बढ़ती कीमतों को देखते हुए किया गया है।