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PA License and PPI License: फूड डिलीवरी की अग्रणी कंपनी जोमैटो (Zomato Payment) ने डिजिटल पेमेंट सेक्टर नहीं आने का फैसला किया है। जोमैटो ने अपना पेमेंट लाइसेंस सरेंडर करने का फैसला किया है।

PA Licence and PPI Licence: फूड डिलीवरी की अग्रणी कंपनी जोमैटो(Zomato Payment) ने डिजिटल पेमेंट सेक्टर नहीं आने का फैसला किया है। जोमैटो ने अपना पेमेंट लाइसेंस सरेंडर करने का फैसला किया है। कंपनी बीते कई साल से डिजिटल पेमेंट सेक्टर में पैठ बनाने की कोशिश कर रही थी। इस साल की शुरुआत में कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (PA License ) और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI PPI License) का लाइसेंस भी हासिल कर लिया था। हालांकि, इस सेक्टर में मौकों की कमी और बढ़ती चुनौतियों को देखते हुए कंपनी ने अब पीछे हटने का फैसला किया है। 

जोमैटो को पेमेंट सर्विस के मिल चुका था निवेश
कंपनी ने अपनी रेगुलेटरी फाइलिंग में डिजिटल पेमेंट के लिए काम करने वाली सहयोगी कंपनी के लिए निवेश मिलने का भी खुलासा किया था। जोमैटो पेमेंट प्राइवेट लिमिटेड (ZPPL) को लगभग ₹39 करोड़ का निवेश प्राप्त हुआ था। फिर भी, कंपनी ने इन लाइसेंसों को सरेंडर करने का फैसला किया है। इसके साथ ही कंपनी ने बीते वित्तीय क्वार्टर में ZPPL को मिले इन्वेस्टमेंट की रकम लौटाने की जानकारी दी है। कंपनी ने कहा है कि पेमेंट सेक्टर बड़े पैमाने पर बदल चुका है। इसमें अब बिजनेस की बढ़ने की ज्यादा संभावना नहीं है। इसलिए हमने अपना पेमेंट लाइसेंस लाैटाने का फैसला किया है। 

आखिर क्यों जोमैटाे ने डिजिटल पेमेंट सेक्टर से किया तौबा?
जोमैटो ने कहा है कि डिजिटल पेमेंट सेक्टर में बीते कुछ सालों में बड़े पैमाने पर बदलाव हुआ है। जब कंपनी ने इस सेक्टर में कदम रखने की सोची थी तो मार्केट में कॉम्पटीशन कम था। यही सोचकर कंपनी ने  RBI से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर (PA) और प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट (PPI) का लाइसेंस हासिल करने के लिए आवेदन दिया था। हालांकि, अब स्थिति पहले जैसी नहीं रही। कंपनी के पास इतनी क्षमता नहीं है कि वह मौजूदा समय में डिजिटल पेमेंट सेक्टर में पहले से काम कर रही कंपनियों का मुकाबला करते हुए अपनी जगह बना सके। इसलिए इस सेक्टर में नहीं आना ही बेहतर है।

कंपनी मौजूदा समय में ले रही थर्ड पार्टी की सर्विसेज
कंपनी इन दोनों लाइसेंस की मदद से आसानी से ऑनलाइन पेमेंट सर्विस को अपने एप्प से इंटिग्रेट कर सकती थी। इसके साथ ही कंपनी के सामने अपनी ऑनलाइन पेमेंट एप्प लाने का भी विकल्प था। कंपनी इसके जरिए वॉलेट और कैश कार्ड जैसी सर्विस दे सकती थी। कंपनी मौजूदा समय में ऑनलाइन पेमेंट एक्सेप्ट करने के लिए दूसरी डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स यानी कि थर्ड पार्टी की सर्विस का इस्तेमाल कर रही है। ऐसे में कंपनी चाह रही थी कि अगर इसके पास खुद का लाइसेंस होगा तो इसे दूसरे सर्विस प्रोवाइडर्स को पैसे नहीं देने होंगे। बीते साल कंपनी ने ICICI  बैंक के साथ टाइअप करके जोमैटो UPI सर्विस भी लॉन्च की थी। 

RBI ने डिजिटल पेमेंट सर्विस से जुड़ी कई कंपनियों पर लिया है एक्शन
बीते कुछ समय में RBI ने डिजिटल पेमेंट सर्विस से जुड़ी नियमों में बड़ा बदलाव किया है। इसके साथ ही इस सेक्टर से जुड़ी सभी कंपनियों की निगरानी तेज कर दी है। हाल के दिनों में जिन दो बड़ी डिजिटल पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिया गया है, उनमें पेटीएम और कोटक महिन्द्रा बैंक शामिल है। आरबीआई ने इन दोनों ही कंपनियों पर ऑनलाइन नए कस्टमर को जोड़ने पर पाबंदी लगा दी है। कई अन्य कंपनियों पर भी केवाईसी नियमों का पालन नहीं करने और डेटा सिक्योरिटी से जुड़े दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए एक्शन लिया है। ऐसे में इस सेक्टर में पहले की तुलना में चुनौतियां ज्यादा बढ़ गई हैं। 

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