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MP News: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों का अब सतत व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी कर दिया है।

MP News: मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले पहली से आठवीं कक्षा के छात्रों का अब सतत व्यापक मूल्यांकन किया जाएगा। इसके तहत अब मासिक मूल्यांकन भी होगा। इसके आधार पर विद्यार्थियों का हर एक महीने सीखने की क्षमता का आकलन हो सकेगा। इसके आधार पर कमजोर छात्रों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने दिशा-निर्देश जारी किया है। इसमें सभी सब्जेक्ट के लिए 10-10 अंकों के लर्निंग आउटकम्स आधारित गुणवत्ता युक्त प्रश्नपत्र होगा। मूल्यांकन के लिए मौखिक प्रश्नों को शामिल किया जाएगा। 

वहीं, पहली व दूसरी कक्षा के छात्रों का मूलभूत साक्षरता एवं एफएलएन आधारित साप्ताहिक आकलन विषयवार होगा। इसमें बच्चों को अभ्यास पुस्तिका दी जाएगी। इसमें किए गए कार्यों से ही आकलन किया जाएगा। 

लर्निंग गैप्स की पहचान होगी
बता दें, मासिक मूल्यांकन अगस्त, सितंबर, दिसंबर व जनवरी में किया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों के प्राप्तांकों के आधार पर ग्रेड तय होगा। इसमें मासिक मूल्यांकन की उत्तरपुस्तिकाओं का प्रश्नवार एवं छात्रवार विश्लेषण कर लर्निंग गैप्स की पहचान होगी। इसके अलावा विद्यार्थियों के शैक्षिक के साथ-साथ व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का मूल्यांकन किया जाएगा। 

छमाही परीक्षा भी होगी
पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों का छमाही एग्जाम होगी। तीसरी से आठवीं तक के बच्चों की छमाही परीक्षा नवंबर के अंत में होगी। इसमें प्रत्येक विषय में लिखित पेपर 60 अंक का होगा और 40 अंक का प्रोजेक्ट वर्क का होगा। इसके प्रश्नपत्र राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा तैयार किए जाएंगे। इसके बाद पहली से चौथी और छठवीं व सातवीं कक्षा का वार्षिक मूल्यांकन भी होगा। इसमें 33 प्रतिशत अंक लाना अनिवार्य होगा।

5वीं व 8वीं का रिजल्ट ऐसे तैयार होगा 

  • छमाही परीक्षा (लिखित)-अधिभार 20 अंक
  • वार्षिक परीक्षा (लिखित)-पूर्णांक 60 में से प्राप्तांक
  • वार्षिक परीक्षा (प्रोजेक्ट कार्य)-अधिभार 20 अंक
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