भोपाल : भोपाल में आए दिन फिल्म और वेब सीरिज की शूटिंग होती रहती है। हाल ही में एक्टर भोपाल आए जहां उन्होंने फन एक्टिविटी कर अपना एक्सपीरियंस शेयर करते हुए बताया कि यदि मैं एक्टर नहीं होता तो शेफ होता क्योंकि मुझे खाना बनाने का बेहद शौक है और रेसिपी में भी मैं बहुत एक्सपेरिमेंट करता हूं, फिर वह तुर्किश रोटी हो, अफगानी आमलेट हो, बंगाली चिकन हो और मेरे पास तो एक स्पेशल मैगी की रेसिपी भी है और कोविड के समय तो मैं रोजना कुछ नया बनाता था। शेफ विक्की रत्नानी के साथ हमने लाइव नूडल्स भी बनाए थे जिसे हमने पब्लिक के सामने सर्व किए। यह कहना है स्त्री , भेड़िया जैसी फिल्मों में अभिनय निभाने वाले एक्टर अभिषेक बनर्जी का, जो स्त्री 2 की शूटिंग के लिए भोपाल आए और हरिभूमि से बातचीत में उन्होंने अपने करियर से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की।
मुझे यह पता था कि मुझे भूखा नहीं सोना है...
उन्होंने कहा कि जब दिल्ली से एक्टिंग सीख कर मुंबई आया तो मुझे यह पता था कि मुझे भूखा नहीं सोना है, यह नहीं कहना कि मैं 7 लोगों के साथ एक कमरे में रहा या 4 दिन तक खाना नहीं खाया, मैं सेल्फ डिपेंडेंट होना चाहता था और इसीलिए यहां आकर कुछ ना कुछ करता गया।
मेरे कई पहचान के डायरेक्टर्स ने भी मुझे रोल नहीं दिया
पहली नौकरी में कुछ रुपए मिल जाते थे और वहीं पैरेंट्स भी दो-तीन हजार भेज देते थे तो उसे मैं गुजरा करता था असिस्टेंट डायरेक्टर बना लेकिन उसमें बहुत काम था, मुझे एक्टर बनना था, जिसमें मेरे कई पहचान के डायरेक्टर्स ने भी मुझे रोल नहीं दिया। लेकिन अमर कौशिक ने मेरे अंदर की प्रतिभा को पहचान और स्त्री के लिए मुझे कास्ट किया।
मैंने अपने परिवार में क्लोजली मेंटल डिसऑर्डर व्यक्ति को देखा है
आखरी सच वेब सीरीज में एक मेंटल डिसऑर्डर पर्सन का रोल निभाने के बारे में उन्होंने कहा, कि मैंने अपने परिवार में क्लोजली मेंटल डिसऑर्डर व्यक्ति को देखा है और देखा है कि एक इंसान से पूरा परिवार कितना डिस्टर्ब होता है, और भारत जैसे देश में तो मेंटल डिसऑर्डर को लोग सीरियसली लेते ही नहीं है और उसे पागल जैसे टैबू से संबोधित करते हैं।
मुझे बहुत ही काम अवसर मिला खुद को कास्ट करने का
अभिषेक कहते हैं कि रोल के लिए तुम्हें खुद को बड़ा बदकिस्मत समझता हूं कि मुझे बहुत ही काम अवसर मिला खुद को कास्ट करने का और क्योंकि मुझे जो भी रोल मिले हैं वह दर्शकों को काफी पसंद आए हैं, इसकी वजह है कि उस रोल को करते वक्त भूल जाता हूं कि मैं अभिषेक बनर्जी हूं।
मधुरिमा राजपाल