MT Vasudevan Nair passes away: मशहूर मलयालम लेखक और फिल्म निर्देशक एम टी वासुदेवन नायर का निधन हो गया। बुधवार, 25 दिसंबर को उन्होंने 91 वर्ष की उम्र में कोझिकोड के बेबी मेमोरियल अस्पताल में आखिरी सांस ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, हार्ट अटैक आने के बाद वासुदेवन नायर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
एम टी वासुदेवन नायर का जन्म 15 जुलाई, 1933 को केरल के पलक्कड़ जिले के कुडल्लूर गांव में हुआ था। वो साहित्य, सिनेमा और पत्रकारिता में अहम योगदान दिया है। एमटी वासुदेवन नायर को साहित्य और सिनेमा में उनके योगदान के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार और चार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया। उनकी रचनाओं में उनके गांव और वहां की नदी भरतपुझा का गहरा प्रभाव देखने को मिलता है।
सिनेमा में अहम योगदान
एमटी का सफर केवल साहित्य तक सीमित नहीं था। उन्होंने मलयालम सिनेमा में भी अहम योगदान दिया है। उन्होंने 50 से अधिक फिल्मों को लिखा। उनके द्वारा लिखी गई पहली रिलीज फिल्म Murappennu (1965) थी, जिसने उन्हें सिनेमा की दुनिया में एक पहचान दिलाई। इसके बाद उन्होंने Nirmalyam (1973) का निर्देशन किया, जो भारतीय सिनेमा की क्लासिक कृतियों में गिना जाता है।
संपादन और साहित्य में योगदान
मातृभूमि इलस्ट्रेटेड वीकली के संपादक के रूप में एम टी वासुदेवन नायर ने आधुनिक मलयालम साहित्य को नई दिशा दी। उनकी प्रेरणा से कई नए लेखकों का उदय हुआ।
एमटी वासुदेवन नायर का निधन साहित्य और सिनेमा की दुनिया के लिए अपूरणीय क्षति है। लेकिन उनकी रचनाएं एक अमर धरोहर के रूप में हमारे बीच हमेशा रहेंगी, जो जीवन, प्रेम और मानवता की गहराइयों को समझने में मदद करती हैं।
प्रियंका गांधी वाड्रा ने जताया शोक
कांग्रेस नेता और वायनाड सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर शोक जताया। उन्होंने एक्स पर लिखा, ''एम.टी. वासुदेवन नायर के निधन के साथ, हम एक ऐसे प्रतिभाशाली व्यक्ति को अलविदा कहते हैं, जिन्होंने साहित्य और सिनेमा को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के शक्तिशाली माध्यमों में बदल दिया। उनकी कहानियों में मानवीय भावनाओं की गहराई और केरल की विरासत का सार समाहित था।''
With the passing of Shri M.T. Vasudevan Nair, we bid adieu to a genius who transformed literature and cinema into powerful mediums of cultural expression. His narratives captured the depth of human emotions and the essence of Kerala’s heritage.
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) December 25, 2024
A true custodian of our art and… pic.twitter.com/JdyOMLANMh
उन्होंने आगे कहा कि हमारी कला और साहित्य के सच्चे संरक्षक, उनका नुकसान पूरे देश को महसूस हो रहा है। हम उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं। उनकी कहानियां सभी के दिल में जिंदा रहेगी।