Pankaj Udhas Death: देश के जाने माने गजल गायक पंकज उधास का सोमवार को 72 साल की उम्र में निधन हो गया। पंकज उधास की बेटी नायाब ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर अपने पिता के निधन की जानकारी दी। पंकज उधास के गजलों को देश के साथ ही विदेश में भी काफी पसंद किया जाता था। संजय दत्त की मुख्य भूमिका वाली फिल्म 'नाम' के 'चिट्ठी आई है' गीत से उन्हें पूरी दुनिया में पहचान मिली थी। पंकज उधास को 2006 में भारत सरकार ने पद्मश्री से सम्मानित किया था। तत्कालीन राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम के हाथों से उन्होंने यह पुरस्कार प्राप्त किया था।
गुजरात के जेतपुर गांव में हुआ था जन्म
पंकज उधास का जन्म गुजरात के छोटे से गांव जेतपुर में हुआ था। जमींदार परिवार से ताल्लुक रखने वाले पंकज अपने तीन भाइयों में सबसे छोटे थे। उनका परिवार राजकोट के पास स्थित एक कस्बा चरखाड़ी में रहा करता था। पंकज उधास के दादा गुजरात के भावनगर स्टेट के दीवान के तौर पर सेवाएं दे चुके थे। पंकज के पिता केशुभाई उधास सरकारी नौकरी से रिटायर हुए थे। केशुभाई इसराज बजाने में बेहद दिलचस्पी लिया करते थे।
Veteran Ghazal singer Pankaj Udhas passes away due to a prolonged illness, confirms his family. pic.twitter.com/4iIwZhsscK
— ANI (@ANI) February 26, 2024
मां से प्रेरित होकर गीत गाने में बढ़ा इंटरेस्ट
पंकज ने अपनी मां जीतू बेन से प्रेरित होकर गाना सीखा, क्योंकि उनकी मां को गीत गाने का बहुत ज्यादा शौक था। इसकी वजह से ही पंकज के साथ ही उनके भाइयों की भी संगीत में रुचि थी। पंकज के गजल गायक बनने से पहले ही उनके दोनों भाई मनहर और निर्जल उधास म्यूजिक इंडस्ट्री में नाम बना चुके थे। इसे देखते हुए माता-पिता ने पंकज का दाखिला राजकोट स्थित संगीत अकादमी में करवा दिया। यहां से संगीत की शिक्षा लेने के बाद पंकज उधास ने गजल गायकी के क्षेत्र में कदम रखा।
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पीएम मोदी ने निधन पर जताया शोक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पंकज उधास के निधन पर शोक प्रकट किया है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर प्रधानमंत्री मोदी ने लिखा- मैं पंकज उधास के निधन पर शोक प्रकट करता हूं। पंकज उधास की गायकी कई प्रकार की भावनाओं को उजागर करती थी। उनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं। वह भारतीय संगीत जगत के एक प्रकाश स्तंभ थे। उनकी गीतों के धुन कई पीढियां गुनगुनाती हैं। बीते साल मेरी उनसे मुलाकात हुई थी। उनके साथ हुई बातचीत की कई यादें हैं। पंकज उधास के निधन से संगीत जगत में ऐसा सूनापन आ गया है जिसे कभी भरा नहीं जा सकेगा। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदनाएं। शांति। साथ ही पीएम मोदी ने पंकज उधास के साथ कुछ तस्वीरें भी साझा की हैं।
We mourn the loss of Pankaj Udhas Ji, whose singing conveyed a range of emotions and whose Ghazals spoke directly to the soul. He was a beacon of Indian music, whose melodies transcended generations. I recall my various interactions with him over the years.
— Narendra Modi (@narendramodi) February 26, 2024
His departure leaves… pic.twitter.com/5xL6Y3Sv75
शुरुआती दौर में करना पड्रा स्ट्रगल
भले ही पंकज उधास ने संगीत का प्रशिक्षण लिया था, एक जमींदार परिवार से थे और उनके दोनों भाई पहले से म्यूजिक इंडस्ट्री में थे। पंकज को शुरुआत दौर में काफी स्ट्रगल करना पड़ा। करीब चार चाल तक वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में काम के लिए चक्कर लगाते रहे। आखिरकार 'कामना' फिल्म में उन्हें एक गीत गाने का चांस मिला। हालांकि, यह फिल्म फ्लॉप हो गई। पंकज उधास को काम मिलना लगभग बंद हो गया। इससे निराश होकर पंकज उधास ने विदेश में जाकर रहने का फैसला कर लिया था।
पंकज उधास को कैसे मिली 'चिट्ठी आई है' सॉन्ग
पंकज उधास को 'चिट्ठी आई है' सॉन्ग मिलने की कहानी बेहद दिलचस्प है। पंकज जब बॉलीवुड फिल्मों में सफलता नहीं मिलने पर विदेश गए तो वहां स्टेज शो करना शुरू कर दिया। इन स्टेज शो के जरिए वह बेहद पॉपुलर हो गए। इसी दौरान एक्टर और प्रोड्यूसर राजेंद्र कुमार ने विदेश में ही एक शो के दौरान उनका गाना सुना। इससे वह बेहद प्रभावित हुए और पंकज को अपनी फिल्म में गाना गाने और कैमियो करने का ऑफर दिया। राजेंद्र कुमार के असिस्टेंट ने इसके लिए पंकज से बात भी की। हालांकि, पंकज उधास ने यह ऑफर ठुकरा दिया। राजेंद्र कुमार ने एक बार इस इस बात का जिक्र पंकज के बड़े भाई मनहर उधास से की। मनहर ने सारी बातें पंकज के साथ साझा की। इसके बाद पंकज को एहसास हुआ कि उन्हें यह ऑफर स्वीकार करना चाहिए। पंकज ने राजेंद्र कुमार के असिस्टेंट को फोन किया और बात बन गई। इस तरह पंकज की झोली में नाम फिल्म का 'चिट्ठी आई है' सॉन्ग आया।
'थोड़ी-थोड़ी पिया करो' ने बढाई पॉपुलैरिटी
'चिट्ठी आई है' गाना सुपरहिट रहा। इससे पंकज को दुनिया भर में एक खास पहचान मिली। इसके साथ ही पंकज ने गजल गायकी में एक खास पहचान बनाई। थोड़ी-थोड़ी पिया करो, घूंघट को मत खोल, एक तरफ उसका घर एक तरफ मैकदा जैसी गजलों से लोगों के दिलों में एक खास जगह बनाई। शराब पर गाई गजलों की वजह से उनका एक अलग ऑडिएंस तैयार हुआ। आज भी पंकज उधास की ऐसी गजलें महफिलों में बजाई और सुनी जाती है।
पहली नजर में मुस्लिम लड़की को दे बैठे थे दिल
पंकज उधास की लव स्टोरी भी बेहद लाजवाब है। पंकज उधास अपने एक दोस्त की शादी में गए थे। उन्हें पहली ही नजर में एक लड़की बेहद पसंद आ गई। इस लड़की का नाम फरीदा था। पंकज ने पहले फरीदा से दोस्ती की। धीरे-धीरे यह दोस्ती प्यार में बदली और फिर दोनों ने 11 फरवरी 1982 में शादी कर ली।जिस समय पंकज उधास की अपनी पत्नी फरीदा से पहली मुलाकात हुई थी, पंकज कॉलेज में पढ़ाई कर रहे थे। बाद में जब शादी करने की बात आई तो पंकज के परिवार वाली ताे राजी हो गए थे लेकिन फरीदा के पिता इसके लिए तैयार नहीं थे। हालांकि, पंकज ने खुद फरीदा के पिता से मुलाकात की और उन्हें मना लिया। पंकज की दो बेटियां नायब और रेवा हैं।