Samantha Lewthwaite: सामंथा ल्यूथवेट... आतंक की दुनिया का एक ऐसा नाम है, जिसे इंसानियत खौफ खाती है। सामंथा के कई नाम हैं। उसकी खूबसूरती ऐसी कि हर कोई फिदा हो जाए। इंटरपोल ने ब्रिटेन की इस कुख्यात महिला आतंकवादी के खिलाफ रेड नोटिस जारी किया है। मुख्य रूप से अफ्रीकी धरती पर हमलों में 400 मौतों की गुनहगार सामंथा ल्यूथवेट के जीवन पर फिल्म बनने जा रही है।
फिल्म का नाम गर्ल नेक्स्ट डोर (Girl Next Door) है। द लास्ट ऑफ अस (The Last of Us) स्टार बेला रैमसे (Bella Ramsey) गर्ल नेक्स्ट डोर फिल्म में चार बच्चों की मां सामंथा ल्यूथवेट का किरदार निभाने जा रही हैं। फिल्म जगत से जुड़े लोगों ने अभी से संभावना जताई है कि यह फिल्म विवादास्पद होगी, क्योंकि डायरेक्टर ब्रूस गुडिसन ने ल्यूथवेट को टूटे हुए दिल वाली एक युवा जीवन-समर्थक आदर्शवादी के रूप में वर्णित किया है।
गुडिसन का कहना है कि उनकी फिल्म उन रहस्यों को उजागर करेगी, जिनका ग्लोबल जिहादी उद्देश्यों के लिए पुरुषों द्वारा शोषण किया जाता है।
सामंथा के कई नाम, आतंक की दुनिया की व्हाइट विडो
जैसा कि पहले ही बताया कि सामंथा ल्यूथवेट के कई नाम हैं। जैसे- शेराफिया, असमंतरा, शेराफिया लेउथवेट, नताली वेब, अस्मा शाहिदाह बिंट एंड्रयूज औ व्हाई विडो। आतंकी की दुनिया में सामंथा ल्यूथवेट व्हाइट विडो के नाम से मशहूर है। उसकी पहचान ऐसी गोरी महिला के तौर पर ही जाती है, जिसने अफ्रीकी देशों में मौत का खेल खेलने में महारत हासिल कर ली थी। उसे करीब 200 मौतों का जिम्मेदार माना जाता है।
कौन है व्हाइट विडो?
सामंथा लुईस ल्यूथवेट या व्हाइट विडो का जन्म 5 दिसंबर 1983 को बैनब्रिज, काउंटी डाउन, उत्तरी आयरलैंड में हुआ था। उसके पिता एंड्रयू ल्यूथवेट एक सैनिक थे। जब वह 11 साल की थी, तब उसके माता-पिता अलग हो गए और वह अपने मुस्लिम पड़ोसियों के करीब आ गई।
17 साल की उम्र में ल्यूथवेट ने इस्लाम अपना लिया और अपना पहला नाम बदलकर शेरफियाह रख लिया। वह इस्लामिक डिबेट और आंदोलनो में हिस्सा लेने लगी। उसे लंदन यूनिवर्सिटी में दाखिला लेने के लिए ग्रेड मिले। लेकिन उसने पढ़ाई छोड़ दी। उसने लंदन में इराक विरोधी युद्ध मार्च में पहली बार जर्मेन लिंडसे उर्फ अब्दुल्ला शहीद जमाल नाम के शख्स के साथ ऑनलाइन संबंध बनाया। 2002 में उसने लिंडसे से निकाह कर लिया। लिंडसे सामंथा से 2 साल छोटा था।
लंदन मेट्रो धमाके में मारा गया लिंडसे
जर्मेन लिंडसे 7 जुलाई 2005 को मारा गया। वह 3 अन्य आतंकियों के साथ मिलकर लंदन शहर की लाइफ लाइन ट्यूब यानी मेट्रो में भीषण आत्मघाती धमाका किया था। तभी से सामंथा अपने पति के जिहादी मिशन को पूरा करने में जुट गई। सामंथा ने इस आत्मघाती हमले में शामिल होने से इंकार किया था। हालांकि उसकी अन्य आतंकियों के साथ घनिष्ठता सामने आई थी।
400 हत्याओं का संगीन जुर्म
सामंथा ल्यूथवेट पर 400 लोगों की हत्या करने का संगीन जुर्म है। वह सोमालिया और केन्या में आतंकी गतिविधियों, आत्मघाती हमलों और कार बम धमाकों में शामिल रही थी। अप्रैल 2015 में केन्या यूनिवर्सिटी पर हमला हुआ था। उसके पीछे भी सामंथा का हाथ था। इस हमले में 148 लोगों की जान गई थी।
अभी कहां है सामंथा?
सामंथा ल्यूथवेट कहां, इसकी कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है। पूरे अफ्रीका और मध्य पूर्व में एजेंसियों ने उसकी लोकेशन तलाशी, लेकिन डेढ़ दशक से वह पकड़ से बाहर है। रिपोर्ट के अनुसार, सामंथा इस समय युद्धग्रस्त यमन में है। जहां वह अल शबाब आतंकी नेटवर्क के साथ काम कर रही है। वह महिला आत्मघाती हमलावरों की भर्ती कर रही है।
ओसामा बिन लादेन को बताती थी सच्चा प्यार
व्हाइट विडो नाम से मशहूर सामंथा अलकायदा नेटवर्क के मुखिया ओसामा बिन लादेन को अपना सच्चा प्यार बताती थी। ब्रिटिश पुलिस को एक कंप्यूटर की हार्ड ड्राइव मिली थी। हार्ड ड्राइवर को केन्या के शहर मोम्बासा के एक घर से बरामद किया गया था। उसमें सामंथा द्वारा ओसामा बिन लादेन के लिए लिखी कविता मिली थी। कविता में सामंथा ने ओसामा को फादर यानी पिता कहकर संबोधित किया था।