Aruna Irani: अरुणा ईरानी के एक्टिंग टैलेंट और डांसिंग स्किल का बॉलीवुड दशकों तक कायल रहा है। बॉलीवुड में शुरुआती दिनों में उनकी सुंदरता के कई लोग दीवाने थे। बावजूद इसके उन्हें फिल्मों में बतौर लीड एक्ट्रेस जो स्थान मिलना चाहिए था, वो नहीं मिला। हालांकि हीरोइन बनने का उन्हें अवसर भी मिला, लेकिन बड़े पर्दे की खलनायिका के रूप में उनको ज्यादा पॉपुलैरिटी मिली।
फैमिली बैकग्राउंड
अरुणा ईरानी का जन्म 3 मई 1946 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता फरिदुन ईरानी, ईरानी मूल के थे और मां हिंदू थीं। उनके पिता एक ड्रामा कंपनी चलाते थे और उनकी मां सगुना अभिनेत्री थीं। अरुणा अपने 8 भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं और एक्ट्रेस बिंदु उनकी कजिन हैं। उनके भाई इंद्र कुमार, अदि ईरानी और फिरोज ईरानी भी फिल्मोद्योग से जुड़े हुए हैं।
आर्थिक तंगी का करना पड़ा सामना
अरुणा को छठवीं कक्षा के बाद स्कूल को अलविदा कहना पड़ा, क्योंकि सभी बच्चों को शिक्षित करने के लिए उनके माता-पिता के पास पैसे नहीं थे। महज 9 वर्ष की आयु में अपने परिवार की आर्थिक मदद करने के लिए उन्हें फिल्मों की ओर रुख करना पड़ा। बतौर बाल कलाकार दिलीप कुमार की फिल्म ‘गंगा जमुना’ (1961) से उन्होंने अपना फिल्मी सफर शुरू किया। 1962 में रिलीज हुई फिल्म ‘अनपढ़’ में उन्होंने माला सिन्हा के बचपन की भूमिका निभाई। इसके बाद उन्होंने कई फिल्मों में छोटी-छोटी भूमिकाएं अदा कीं। फिल्मों में काम करते हुए ही उन्होंने नृत्य सीखा।
ज्यादातर मिले साइड रोल्स
हर नई एक्ट्रेस की तरह अरुणा ईरानी भी शुरुआत में लीड हीरोइन बनने के सपने देखने लगी थीं। उनका यह सपना तब साकार हुआ जब 1972 में महमूद ने उन्हें ‘बॉम्बे टू गोआ’ में अमिताभ बच्चन के साथ हीरोइन के रूप में कास्ट किया। इसी तरह वह जितेंद्र के साथ भी ‘कारवां’ में हीरोइन के रूप में आईं। 1970 के दशक में आई ये फिल्में तो सफल रहीं, बावजूद इसके अरुणा ईरानी को आगे ज्यादातर नेगेटिव और साइड रोल्स ही ऑफर हुए।
समय के साथ वे नेगेटिव और चरित्र भूमिकाएं करने लगीं। 1980-90 के दशकों में वह मां की भूमिकाओं में भी आने लगीं। इसके बाद अनेक फिल्मों में उन्होंने कई तरह के कैरेक्टर रोल्स प्ले किए। फिल्मों के अलावा 1995 से 2019 के बीच अरुणा ने दो दर्जन से अधिक टीवी धारावाहिकों में भी काम किया और अनेक रियालिटी शोज में जज भी रहीं।
महमूद के साथ अनोखा रिश्ता
एक दौर में अरुणा ईरानी का नाम मशहूर हास्य कलाकार महमूद से जुड़ा, जो कि पहले से ही शादी-शुदा थे। अपने एक इंटरव्यू में उन्होंने महमूद को ‘ईश्वर की तरफ से भेजा गया फरिश्ता’ कहा और बताया कि उनके शुरुआती करियर में महमूद ने ही उन्हें फिल्मों में चांस दिया था। अरुणा के अनुसार यह जानते हुए भी कि महमूद विवाहित थे, वह उनके लिए ‘दोस्त से बढ़कर’ थे। महमूद शादी-शुदा थे, इसलिए दोनों का संबंध आगे नहीं बढ़ सका।
शादी-शुदा शख्स से ही की शादी
हालांकि विवाहित होने की वजह से महमूद के साथ अरुणा ईरानी का रिश्ता परवान ना चढ़ सका लेकिन कुछ वर्ष बाद एक पूर्व विवाहित व्यक्ति को ही अरुणा ने अपना जीवनसाथी चुना। उन्होंने फिल्ममेकर कुकू कोहली से 1990 में शादी की। अरुणा को पहले मालूम नहीं था कि कोहली शादी-शुदा और बेटियों के पिता भी हैं। जब मालूम हुआ तो उन्होंने तय किया कि वह कभी मां नहीं बनेंगी ताकि कोहली का घर ना टूटे।
अरुणा ने अपनी शादी को कई वर्षों तक सार्वजनिक नहीं किया, क्योंकि कुकू का अपनी पहली पत्नी से तलाक नहीं हुआ था। इस बारे में उनका कहना था, ‘कुकू कोहली से मेरा संबंध किसी को दुःख पहुंचाने के लिए या किसी को किसी से छीनने के लिए नहीं है।’ कोहली की पहली पत्नी रीटा के निधन के बाद अरुणा धीरे-धीरे अपने संबंध को सार्वजनिक किया।
मिले कई अवार्ड्स
हिंदी, कन्नड़, मराठी और गुजराती भाषाओं में 500 से अधिक फिल्मों में काम करने वालीं अरुणा ईरानी के टैलेंट का इसी बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि फिल्मफेयर अवार्ड्स में सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री की श्रेणी में उन्हें रिकॉर्ड 10 नामंकन मिल चुके हैं, जिनमें से उन्होंने दो बार यह ट्रॉफी हासिल भी की। 1985 में ‘पेट प्यार और पाप’ के लिए और 1992 में ‘बेटा’ के लिए। इसके अलावा साल 2012 में अरुणा ईरानी को 57वें फिल्मफेयर अवार्ड्स में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।