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Vivek Oberoi Revealtion: अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने अपने बुरे दौर पर बात की है। उन्होंने खुलासा किया कि एक समय में उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलती थीं। 14 साल तक उन्हें फिल्मों में काम नहीं मिला था।

Vivek Oberoi: बॉलीवुड एक्टर विवेक ओबेरॉय की पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ चर्चा में रही है। एक्टर ने राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘कंपनी’ से बॉलीवुड में कदम रखा था। 'युवा', 'दम' और 'शूटआउट एट लोखंडवाला' जैसी फिल्मों में जबरदस्त एक्टिंग से उनकी जमकर तारीफें हुईं। इसके बावजूद उनका करियर स्टारडम से चूक गया।

अभिनेता ने अपने करियर में वो दौर भी देखा जब उन्हें कई साल तक काम नहीं मिला। उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलने लगीं, जिसके बाद उन्होंने एक्टिंग प्रोफेशन छोड़ने का मन बना लिया था। हाल ही में एक्टर ने एक इंटरव्यू में अपने बुरे वक्त को याद कर कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं।

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विवेक ओबरॉय ने किए शॉकिंग खुलासे
एक समय में हिट पर हिट फिल्में देने वाले विवेक ओबरॉय ने उस दौर को याद किया जब 14 साल तक उन्हें फिल्मों में काम करने के लिए तरसना पड़ा। उन्होंने बताया कि उन्हें अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलती थीं, लोग उन्हें सार्वजनिक तौर पर ट्रोल करते थे। उन्हें प्रोफेशनली बहुत चैलेंजे देखना पड़ा और इसका असर उनकी पर्सनल लाइफ और उनके करीबियों पर भी पड़ा।

Vivek Oberoi
Vivek Oberoi Instagram

'अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलीं'
विवेक ओबरॉय ने एक इंटरव्यू में अपने करियर के बुरे दौर के बारे में कहा, "मेरे केस में बुरा वक्त बहुत ज्यादा दिन तक रहा। इस दौरान मुझे ट्रोलिंग किया जाता था, सार्वजनिक अपमान का सामना करना पड़ा। मेरे साइन करने के बावजूद मुझसे कई प्रोजेक्ट छीन लिए गए... मुझे अंडरवर्ल्ड से धमकियां मिलीं। पुलिस को मेरी सुरक्षा के लिए एक गनमैन गार्ड और एक बंदूक देनी पड़ी।"

उन्होंने कहा- ऐसे वक्त में मुझे अपने परिवार वालों की चिंता लगी रहती थी... क्योंकि मेरे पास अपनी सिक्योरिटी के लिए तो बंदूक थी लेकिन मेरी मां, बहन और पिताजी का क्या होगा, इसकी चिंता सताती थी। 

विवेक ने खुद को उबारा
विवेक ने आगे कहा कि उनके माता-पिता ने उनका हौसला बढ़ाया था और इस बुरे वक्त से निकलने के लिए इंस्पायर किया था। उन्होंने खुलासा किया कि एक बार उनकी मां उन्हें बच्चों के कैंसर अस्पताल ले गई थीं जहां छोटे-छोटे बच्चे इस गंभीर बीमारी जूझ रहे थे और उनके माता-पिता उन्हें बचाने के लिए किसी भी हद तक जा सकते थे। तब विवेक को एहसास हुआ कि उनकी परेशानियों बहुत कम हैं और वह इससे उबर सकते हैं। 

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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