Logo
Ramoji Rao Journey: रामोजी राव गारू ने तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री, मीडिया और पत्रकारिता क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। उनके द्वारा हैदराबाद में स्थापित रामोजी फिल्म स्टूडियो, दुनिया का सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो माना जाता है।

Ramoji Rao Journey: हैदराबाद फिल्म सिटी के प्रमुख और ईटीवी नेटवर्क के मालिक व दिग्गज प्रोड्यूसर रामोजी राव का शनिवार, 5 जून को निधन हो गया। उन्होंने 87 साल की उम्र में अंतिम सांस ली। वह 5 जून से अस्पताल में भर्ती थे, जहां उन्हें सांस लेने में तकलीफ और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या थी।

शनिवार 8 जून को तड़के 4.50 बजे उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। दिवंगत रामोजी राव को भारतीय मीडिया में क्रांति लाने का श्रेय दिया जाता है। उनके निधन की खबर से पत्रकारिता जगत में बड़ा झटका लगा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एक्ट्रेस कंगना रनौत, एस एस राजामौली समेत कई बड़ी हस्चियों ने निधन पर शोक व्यक्त किया है।

पत्रकारिता जगत में बड़ा नाम  
रामोजी राव गारू ने तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री, मीडिया और पत्रकारिता क्षेत्र में अहम योगदान दिया है। उनके द्वारा हैदराबाद में स्थापित रामोजी फिल्म स्टूडियो, दुनिया का सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो माना जाता है। उनका जन्म 16 नवंबर 1936 को आंध्र प्रदेश के एक गांव पेडापरुपुड़ी में हुआ था। उन्होंने 1969 में एक पत्रिका के माध्यम से मीडिया के क्षेत्र में कदम रखा था। उन्होंने रामोजी फिल्म सिटी, मार्गदर्शी चिटफंड, डॉल्फिन होटल्स, ईटीवी नेटवर्क, और इनाडु तेलुगु न्यूजपेपर की नींव डाली थी। उन्होंने नेक दिली से लाखों लोगों की मदद की।

मीडिया समूहों की रखी सौगात
रामोजी फिल्म सिटी परिसर में मौजूद ईटीवी नेटवर्क की नींव डालने के बाद सैंकड़ों मीडिया कर्मी यहां ट्रेनिंग के लिए पहुंचते थे। वहां फिल्म सिटी से सटे दूर सुदूर गांव में छोटी-मोटी होटल या ग्रॉसरी या फिर इडली डोसे वाले की दुकानों पर रामोजी राव की फोटो होती थी। वहां के लोग उन्हें ईश्वर की तरह पूजते हैं क्योंकि उनकी रोजी-रोटी और काम धंधा उन्हीं की बदौलत रहा।

अपने कर्मचारियों का रखा ध्यान
दक्षिण भारत के इस विराट फिल्म एवं मीडिया समूह की अलग-अलग इकाइयों में काम करने वाले बड़े से बड़े और छोटे से छोटे कर्मचारी आज उनके ऋणी हैं, क्योंकि अपनी दशकों की सेवा के बाद इस मीडिया समूह के प्रमुख रामोजी राव ने अपने कर्मचारियों का खयाल रखा। कोरोना के भीषण दौर में जब मीडिया जगत की तमाम कंपनियां अपने कर्मचारियों का वेतन काटने पर मजबूर थीं तब देश में एकमात्र रामोजी राव और उनके ईटीवी समूह ने कर्मचारियों को संक्रमण से बचने के लिए दवाइयां भेजीं और उनके परिवार की भी सुरक्षा की।

ईटीवी समूह ने कोरोनाकाल में अपने हजारों कर्मचारियों को समय पर और पूरा वेतन घर बिठा कर दिया। आर्थिक मंदी के दौर में भी यही एकमात्र मीडिया समूह था जिसने हर बार नए नवाचार और बदलाव की चुनौतियां स्वीकार करने के साथ के साथ मीडिया के हर क्षेत्र में अपने समूह के कर्मचारियों का विश्वास नहीं खोया।

प्रादेशिक भाषाओं में लॉन्च किए चैनल
रामोजी राव देश के मीडिया जगत में इसलिए भी लोकप्रिय रहे क्योंकि जिस दौर में नेशनल सेटेलाइट चैनल का टीवी पर वर्चस्व था उस समय उन्होंने प्रादेशिक भाषाओं में ईटीवी के सेटेलाइट चैनल की आधारशिला रखी। उसी दौर में दूरदर्शन के साथ सिर्फ ईटीवी ही अकेला प्रादेशिक चैनल था जिसकी पहुंच घर-घर में थी। आज इसी परिकल्पना पर देशभर में तमाम प्रादेशिक चैनल हैं लेकिन जो साख और सम्मान रामोजी राव ने इस ग्रुप के साथ सदैव जोड़ा रखा वह उनके प्रेरणादाई जीवन मूल्य और निष्पक्ष पत्रकारिता के प्रति सजग रहने की सीख की बदौलत है।

स्मृतियों में जीवंत रहेंगे रामोजी राव
रामोजी राव और ईटीवी समूह देश के राजनीतिक परिदृश्य और विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच इसलिए भी सर्वमान्य एवं विश्वसनीय रहे क्योंकि समूह ने हमेशा विकास आधारित निष्पक्ष पत्रकारिता पर फोकस किया यही वजह है कि बीते कई दशकों से न केवल दक्षिण भारत में बल्कि केंद्र की हर सरकार में ईटीवी समूह और रामोजी राव का महत्वपूर्ण स्थान है।

5379487