Parenting Tips: हर पैरेंट्स चाहते हैं कि उनके बच्चों में आत्मविश्वास की कोई कमी न रहे। जिंदगी में सफलता हासिल करने के लिए बच्चे में पर्याप्त कॉन्फिडेंस होना बेहद जरूरी होता है। कई बार देखा गया है कि काफी योग्यता होने के बावजूद कॉन्फिडेंस में कमी की वजह से लोग वो सफलता हासिल नहीं कर पाते हैं, जिसके वे हकदार होते हैं।
कोई भी पैरेंट्स ऐसा नहीं चाहते कि उनका बच्चा कमजोर कॉन्फिडेंस वाला हो, लेकिन अनजाने में ही कई बार मां-बाप ऐसी गलतियां कर बैठते हैं जो जिंदगीभर के लिए बच्चे का आत्मविश्वास कमजोर बना देती है।
पैरेंट्स कभी न करें 4 गलतियां
तुलना - हर बच्चा अपनी तरह से इंटेलिजेंट होता है। कोई गणित में कमजोर है, लेकिन आर्ट एंड क्रॉफ्ट में बहुत अच्छा है। किसी का पढ़ाई में मन नहीं लगता, लेकिन खेल-कूद में अव्वल है। ऐसे में अपने बच्चे को दूसरे बच्चे से तुलना करते हुए कमजोर फील न कराएं। एक बार बच्चा ये सोचने लगा कि वो दूसरों से कमतर है तो जिंदगीभर उसका आत्मविश्वास बढ़ नहीं सकेगा।
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दबाव - बदलते माहौल में हर पैरेंट्स चाहने लगे हैं कि उनका बच्चा हर चीज में सफलता पाए। चाहे पढ़ाई हो, खेलकूद हो या फिर अन्य गतिविधियां। बच्चे पर मां-बाप का बढ़ता दवाब उन्हें कमजोर कर सकता है और मानसिक तौर पर वे टूट सकते हैं। इसीलिए बच्चे को नेचुरली ग्रो होने दें। अपनी बातें उन पर न थोपें और उनके कॉन्फिडेंस को हर दम बूस्ट करने की कोशिश करें।
गलती का एहसास - दुनिया में ऐसा कोई नहीं होगा जिसने बचपन में गलतियां नहीं की होंगी। बच्चे की गलतियों पर उसे डांटें, लेकिन हर वक्त ऐसा करना बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। ज्यादातर मामलों में बच्चे को प्यार से समझाना ही बेहतर रहेगा, वरना बच्चे गुस्सैल, चिड़चिड़े और कहना न मानने वाले बन जाएंगे। बच्चों को प्यार से समझाने पर वे अपनी गलती मानेंगे और उनका कॉन्फिडेंस भी बना रहेगा।
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बेहतर रहने की भावना - बच्चे के आत्मविश्वास को कमजोर बनाने में पैरेंट्स की वो सीख और भावना हो सकती है जिसमें वे बच्चे को दूसरे बच्चे से बेहतर बनने की चाहत रखते हैं। बच्चे में ये कॉम्पिटिशन की भावना कब घर कर जाती है ये पैरेंट्स समझ नहीं पाते। ऐसे में दूसरे बच्चों से बेहतर न आ पाने पर बच्चे खुद को हारा महसूस करते हैं और उनका कॉन्फिडेंस लूज़ हो जाता है।