Yogasana For Arthritis: अर्थराइटिस यानी गठिया जोड़ों की एक गंभीर बीमारी है। इस बीमारी का कोई स्थाई इलाज नहीं है, ऐसे में सही लाइफस्टाइल और खान-पान से ही इसे काबू में रखा जा सकता है। आमतौर पर अर्थराइटिस के दर्द से राहत पाने के लिए लोग दवाओं का सहारा लेते हैं, जो कि जरूरी भी है। हालांकि, इस परेशानी को उबरने न देने के लिए कुछ योगासनों का अभ्यास फायदेमंद हो सकता है।
हमारे यहां सदियों से बीमारियों से बचाव के लिए योगासन का अभ्यास किया जाता रहा है। कुछ योगासन करने से अर्थराइटिस के दर्द से आराम मिल सकता है, बशर्ते इन आसनों को योग्य प्रशिक्षक की देखरेख में किया जाए।
अर्थराइटिस के लिए 4 योगासन
वीरभद्रासन (Warrior Pose): वीरभद्रासन योग का एक खड़ा आसन है जो पैरों, कोर और कंधों को मजबूत बनाता है। यह आसन संतुलन और एकाग्रता भी बढ़ाता है। जोड़ों के लिए ये बढ़िया आसन है।
इसे भी पढ़ें: Yogasana For Back: ज्यादा देर बैठकर काम करने से दुखने लगती है कमर, 3 योगासनों का करें अभ्यास, दूर होगी परेशानी
वीरभद्रासन कैसे करें
ताड़ासन (Mountain Pose) में सीधे खड़े हो जाएं। एक गहरी सांस लें और अपने दाहिने पैर को पीछे ले जाएं। अपने दाहिने पैर को 90 डिग्री के कोण पर बाहर की ओर मोड़ें और अपने बाएं पैर को शरीर के सामने थोड़ा सा मोड़ें। अपने दाहिने घुटने को मोड़ें, यह सुनिश्चित करते हुए कि आपका दाहिना घुटना आपके दाहिने टखने के ठीक ऊपर है।
अपनी बाहों को ऊपर उठाएं, हथेलियां छत की ओर। 30 से 60 सेकंड तक इस स्थिति में रहें। धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए वापस ताड़ासन में आएं। दूसरी तरफ दोहराएं।
त्रिकोणासन (Triangle Pose): त्रिकोणासन रीढ़ की हड्डी, कूल्हों और पैरों को खींचता और मजबूत करता है। यह आसन पाचन और तंत्रिका तंत्र को भी बेहतर बनाता है। ज्वाइंट पैन में आराम दिलाता है।
त्रिकोणासन कैसे करें
सीधे खड़े हों और अपने दाहिने पैर को 2-3 फीट आगे बढ़ाएं और अपने बाएं पैर को पीछे रखें। अपने दाहिने हाथ को धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और अपनी बायीं ओर देखें। अपने दाहिने हाथ को अपनी दाहिनी टखने या पिंडली पर रखें। 30 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें, फिर धीरे-धीरे वापस आएं और दूसरी तरफ से दोहराएं।
मार्जरी आसन (Cat-Cow Pose): मार्जरी आसन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है और पाचन में सुधार करता है। यह आसन तनाव और चिंता को कम करने में भी मदद करता है।
इसे भी पढ़ें: Kapalbhati Benefits: 5 परेशानियों को दूर कर सकता है कपालभाति प्राणायाम, इस तरीके से करेंगे तो मिलेगा पूरा लाभ
मार्जरी आसन कैसे करें
चौपाई के आसन में आ जाएं। सांस छोड़ते हुए, अपनी रीढ़ को ऊपर उठाएं, अपनी छाती को ऊपर और सिर को ऊपर उठाएं (बिल्ली की मुद्रा)। सांस लेते हुए, अपनी रीढ़ को नीचे झुकाएं, अपनी ठुड्डी को अपनी छाती से लगाते हुए (गाय की मुद्रा)। 10-15 बार दोहराएं।
वृक्षासन (Tree Pose): वृक्षासन संतुलन, एकाग्रता और शांतता को बढ़ाता है। यह आसन पैरों और टखनों को भी मजबूत करता है।
वृक्षासन कैसे करें
माउंटेन पोज़ में खड़े हो जाएं और अपने दाहिने पैर को मोड़ें और अपनी दाहिनी जांघ को अपने बाएं पैर की जांघ के अंदर रखें। अपने हाथों को नमस्ते की मुद्रा में अपनी छाती के सामने रखें। 30 सेकंड तक इसी मुद्रा में रहें, फिर धीरे-धीरे पैर को नीचे लाएं और दूसरी तरफ से दोहराएं।
(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)