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Turmeric Health Benefits: हल्दी हर घर के किचन में आसानी से मिल जाती है। इस पीले मसाले में सेहत का खजाना छिपा हुआ है। आइए जानते हैं इसके हेल्थ बेनेफिट्स।

Turmeric Health Benefits: हल्दी किचन का एक ऐसा मसाला है जो कि हर घर में आसानी से मिल जाता है। अपने गुणों  की वजह से हल्दी को पीला सोना कहें तो भी अतिश्योक्ति नहीं होगी। हल्दी कई घरेलू नुस्खों में प्रयोग किया जाता है। किसी को अगर सर्दी, जुकाम हो जाता है तो उसे हल्दी वाला दूध पिलाने की सलाह दी जाती है, वहीं चोट लगने पर या घाव होने पर भी हल्दी लगाई जाती है। हल्दी में पोषक तत्वों का खजाना छिपा है जो कि हेल्दी रखने में मदद करती है। 

अल्जाइमर्स और डिमेंशिया में भी हल्दी का सेवन बेहद लाभकारी हो सकता है। बार-बार भूलने की आदत इन गंभीर बीमारियों की शुरुआत हो सकती है। हेल्थलाइन के मुताबिक हल्दी में मौजूद तत्व करक्यूमिन (Crucumin) सबसे एक्टिव इन्ग्रेडिएंट होता है। आइए जानते हैं हल्दी के 5 बड़े सेहत से जुड़े फायदे। 

हल्दी सेवन के 5 बड़े लाभ

हार्ट डिजीज - लोग भले ही हल्दी को किचन का मामूली मसाला समझते हैं, लेकिन ये गुणों के मामले में किसी औषधि से कम नहीं है। हल्दी में मौजूद करक्यूमिन हार्ट डिजीज का रिस्क घटाने में मदद करता है। खासतौर पर ये तत्व एंडोथेलियम के फंक्शन को बेहतर बनायता है यानी ब्लड वेसल्स की लाइनिंग करता है। 

अल्ज़ाइमर - भूलने से शुरुआत होने वाली अल्जाइमर्स की बीमारी आमतौर पर बढ़ती उम्र की बीमारी मानी जाती है, लेकिन ये एक बेहद गंभीर स्थिति होती है। अल्जाइमर्स, डिमेंशिया का एक कॉमन फॉर्म है। रिसर्च बताती हैं कि हल्दी में मौजूद करक्यूमिन दिमाग इस बीमारी को पैदा करने वाले एक हटाने में मदद करता है। 

अर्थराइटिस - जोड़ो की एक गंभीर बीमारी अर्थराइटिस की समस्या सर्दियों में काफी बढ़ जाती है। कई बार ये परेशानी इतनी बढ़ जाती है कि मरीज को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ता है। स्टडी के मुताबिक ऑस्टियोपोरोसिस के दर्द में करक्यूमिन काफी प्रभावी होता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस में भी हल्दी का सेवन सूजन, दर्द को कम करने में मदद करता है। 

डिप्रेशन - आज के दौर में डिप्रेशन एक बड़ी मानसिक समस्या के तौर पर सामने आई है। हल्दी में मौजूद तत्व मूड डिसऑर्डर को ट्रीट करने में मदद करते हैं। दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर्स सेरोटोनिन और डोपामाइन को बूस्ट करने में भी मददगार होते हैं। 

एंटी-ऑक्सीडेंट क्षमता - शरीर में होने वाला ऑक्सीडेटिव डैमेज एक ऐसा मैकेनिज्म है जो कि उम्र बढ़ने और कई तरह की बीमारियों से संबंधित है। ये फ्री रेडिकल्स के लिए भी जिम्मेदार होता है। इनसे लड़ने के लिए शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट्स का होना जरूरी होता है। हल्दी का नियमित सेवन बॉडी में एंटी-ऑक्सीडेट कैपेसिटी को बढ़ाने में मदद करता है। 

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