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Parenting Tips: कई बच्चों के लिए अपने दोस्त बनाना काफी चुनौतीभरा काम होता है। आप उन्हें कुछ फ्रेंडशिप स्किल सिखाकर इसमें मदद कर सकते हैं।

Parenting Tips: दोस्त बनाने की जरूरत वैसे तो हर उम्र में पड़ती है, लेकिन जब बात छोटे बच्चों की हो तो उन्हें दुनिया समझने के लिए नए फ्रेंड्स की तलाश रहती है। कई बच्चे मिनटों में नए दोस्त बना लेते हैं, तो कई बच्चों में ये क्वालिटी नहीं होती है। चाहकर भी कोई उनका दोस्त नहीं बन पाता है। बच्चे अगर दोस्त नहीं बना पाते हैं तो वे मायूस हो जाते हैं और धीरे-धीरे सोशल लाइफ से दूर होने लगते हैं। ऐसे में पैरेंट्स की जिम्मेदारी बनती है कि वे बच्चों को दोस्ती करने के गुर सिखाएं। 

कई बच्चों को घर में हद से ज्यादा लाड़ प्यार मिलता है। उन्हें छोटी-छोटी बातों पर प्रोटेक्ट किया जाता है। बच्चे ज्यादातर वक्त अपनी पहचान के लोगों के साथ ही गुजारते हैं, ऐसे में जब भी नए लोग बच्चे के सामने आते हैं तो वे उससे कतराते हैं। दोस्ती के मामले में भी ऐसे बच्चे काफी पीछे रह जाते हैं। 

बच्चों को सिखाएं फ्रेंडशिप स्किल

दोस्ती का महत्व - छोटे बच्चे दोस्ती के ठीक से मायने नहीं जानते हैं। आपका बच्चा अगर दोस्त बनाने में कच्चा है तो सबसे पहले उसे फ्रेंडशिप का इंपोर्टेंस बताएं। उसे दोस्ती का रिश्ता निभाने के गुर सिखाएं और बताएं कि दोस्ती में किन-किन बातों का ध्यान रखना होता है। 

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अच्छा व्यवहार - कई बच्चे सिर्फ इस वजह से दोस्त नहीं बना पाते हैं क्योंकि उनका बर्ताव दूसरे बच्चों के साथ अच्छा नहीं होता है। आपका बच्चा भी ऐसा करता है तो इसे टोकें और बताएं कि दोस्ती करने के लिए अपने फ्रेंड के साथ हमेशा अच्छा व्यवहार रखना जरूरी है। 

घुलना-मिलना सिखाएं - कई बच्चे इंट्रोवर्ट होते हैं, ऐसे में वे नए बच्चों से घुल मिल नहीं पाते हैं। इसके लिए आप अपने बच्चे के शुरुआती एक दो दोस्त बनाने में उसकी मदद कर सकते हैं। उसे दूसरे बच्चों के साथ घुलना मिलना सिखाएं। बच्चे का उत्साह बढ़ाएं और उसे अपने बराबर उम्र के बच्चों के साथ खेलने के लिए प्रेरित करें। 

नई दोस्ती के दें टिप्स - आपका बच्चा अगर नए दोस्त नहीं बना पाता है तो आप उसे सिखाएं। उसे बताएं कि किसी से मिलें तो मुस्कुराकर मिलें। उसे आगे से अपना नाम बताएं और उसका नाम पूछें। उसके घर खेलने जाएं और उसे भी अपने घर पर खेलने के लिए बुलाएं। 

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शेयरिंग - दोस्ती में शेयरिंग और एक दूसरे की केयरिंग दोनों ही चीजों का काफी महत्व है। बच्चे को ये दोनों चीजें घर पर ही सिखाएं। बच्चा अपनी चीजों को दोस्तों के साथ खेलने के दौरान साझा करेगा तो बच्चों की चीजों से भी खेलेगा तो उसके ज्यादा मज़ा आएगा और आत्मविश्वास बढ़ेगा। 

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