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Parenting Tips: सिंगल चाइल्ड की परवरिश हमेशा ही चुनौती से भरा काम होता है। आइए जानते हैं कुछ पैरेंटिंग टिप्स जिसकी मदद से चिंगल चाइल्ड को बेहतर तरीके से ग्रो किया जा सकता है।

Parenting Tips: आजकल ज्यादातर लोग एक ही बच्चा पसंद करते हैं। चाहे लड़का हो या लड़की, चिंगल चाइल्ड का चलन काफी बढ़ गया है। सिंगल चाइल्ड रखने के पीछे पैरेंट्स का मकसद बच्चे को बेहतर परवरिश देना होता है। हालांकि, सिंगल चाइल्ड की पैरेंटिंग काफी चुनौतीभरा काम होता है। एकलौता बच्चा होने की वजह से उसे ज्यादा लाड़ प्यार मिलता है और इसके नतीजे में कई बार बच्चा बिगड़ैल और अनुशासनहीन हो जाात है, जो कि उसे भविष्य के लिए बड़ा डैमेज कर सकता है। 

आप भी अगर एकलौते बच्चे के माता-पिता हैं तो सिंगल चाइल्ड पैरेंटिग के कुछ टिप्स जानना जरूरी हैं। इन टिप्स की मदद से आप बच्चे की बेहतर परवरिश कर सकेंगे और बच्चा अच्छे से ग्रोथ कर सकेगा। 

बेहतर परवरिश के तरीके

अटेंशन - सिंगल चाइल्ड को पैरेंट्स बात-बात में ज्यादा अटेंशन देते हैं, जिससे उसे जिम्मेदारी का एहसास नहीं हो पाता है। बच्चे को भविष्य में सफल बनते देखना चाहते हैं तो उस पर निगरानी रखें, लेकिन उसे अपना काम खुद करने का मौका दें और काम के प्रति जिम्मेदारी का एहसास भी कराएं। 

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आजादी - एकलौते बच्चे को घर परिवार से पूरा अटेंशन मिलता है। साथ ही उसका हर काम दूसरे लोग ही करने लगते हैं, बच्चे का हर निर्णय भी परिवार के लोग ही रहते हैं। इससे बच्चे की आजादी छिन सी जाती है। बच्चे को इंडिपेंटेंड बनाना जरूरी है, जिससे जिंदगी में आने वाली मुश्किलों का वह खुद के दम पर सामना कर सके और चुनौतियों को हरा सके। 

ज्यादा उम्मीदें - बच्चा अगर सिंगल चाइल्ड है तो माता-पिता की उसे लेकर उम्मीदें काफी बढ़ जाती हैं। ऐसा करना बिल्कुल गलत है। बच्चे से जरूरत से ज्यादा एक्सपेक्ट न करें। उसे अपनी क्षमताओं को पहचानने का मौका दें और उस पर अतिरिक्त दबाव न बढ़ने दें। 

बच्चे की मेंटिलिटी समझें - हर पैरेंट्स बच्चों से उम्मीदें लगाते हैं, हालांकि बच्चे की मानसिकता को समझना भी उतना ही जरूरी है। बच्चा क्या चाहता है और उसकी उम्र क्या है, इन सभी पहलुओं का ध्यान रखकर उसे ट्रीट करें। बच्चे में बात-बात में कमी निकालना उसका कॉन्फिडेंस कम कर सकता है। इससे बच्चे में जिंदगीभर के लिए निगेटिविटी आ सकती है। 

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हर जिद न करें पूरी - चिंगल चाइल्ड होने का सबसे बड़ा नुकसान होता है कि पैरेंट्स बच्चे की हर बात पूरी करते जाते हैं। उम्र बढ़ने के साथ बच्चे को चीजों की कद्र सिखाना बेहद जरूरी हो जाता है। बच्चे की अगर सारी बातें मानते रहेंगे तो उसे चीजों की वैल्यू नहीं रहेगी। ये आदत उसे जीवनभर के लिए बड़ा नुकसान पहुंचाएगी। 

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