Madhya Pradesh Mandav Places: मध्यप्रदेश में वैसे तो कई पर्यटन स्थल हैं, लेकिन जब जिक्र मांडू का हो तो इसकी बात की कुछ निराली है। धार जिले में स्थित मांडू एक प्राचीन शहर है और ये मालवा के परमार राजाओं की राजधानी रह चुका है। बताते हैं कि मांडू की नेचुरल ब्यूटी की वजह से ही 13वीं सदी में सुल्तानों ने इसका नाम शादियाबाद यानी 'खुशियों का शहर' रख दिया था। मांडू का प्राकृतिक सौंदर्य किसी का भी मन मोह सकता है।
मांडू एमपी के खूबसूरत शहरों में से एक है। यहां कई पर्यटन स्थल हैं, जहां कि विजिट की जा सकती है। इसमें रानी रूपमति महल, हिंडोला महल, जहाज महल आदि प्रमुख जगहें हैं। जानते हैं मांडू में घूमने वाली 5 बेहतरीन जगहों के बारे में।
मांडू में घूमने वाली 5 जगहें
जहाज महल: जहाज महल अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें एक विशाल जहाज जैसा आकार है। हल तीन मंजिला है और इसमें कई कमरे, हॉल और आंगन हैं। यह लाल बलुआ पत्थर से बना है और इसमें जटिल नक्काशी और कलाकृति है। महल के सामने एक बड़ी कृत्रिम झील है, जो जहाज के भ्रम को और बढ़ा देती है।
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रानी रूपमति का महल: यह महल 16वीं शताब्दी में राजा बाज़ बहादुर द्वारा अपनी प्यारी रानी रूपमती के लिए बनवाया गया था। यह महल अपनी खूबसूरत वास्तुकला, शानदार नज़ारों और रानी रूपमती और राजा बाज़ बहादुर की प्रेम कहानी के लिए जाना जाता है। यह महल तीन मंजिला है और इसमें कई कमरे, हॉल और आंगन हैं।
यह लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है और इसमें जटिल नक्काशी और कलाकृति है। महल की सबसे खास विशेषता इसकी शानदार छत है, जो नर्मदा नदी और आसपास के पहाड़ों के मनोरम दृश्य प्रस्तुत करती है।
होशंगशाह का मकबरा: यह मकबरा 15वीं शताब्दी में मालवा के सुल्तान होशंग शाह द्वारा बनवाया गया था। यह अपनी भव्य वास्तुकला, जटिल नक्काशी और ऐतिहासिक महत्व के लिए जाना जाता है। मकबरा एक विशाल गुंबददार संरचना है जो लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बना है। इसमें जटिल ज्यामितीय पैटर्न, सुंदर नक्काशी और कलाकृतियां हैं। मकबरे के चारों ओर चार मीनारें हैं, जो इसकी सुंदरता को और बढ़ा देती हैं।
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जामी मस्जिद: यह मस्जिद 15वीं शताब्दी में सुल्तान गियसउद्दीन खिलजी द्वारा बनवाई गई थी। मस्जिद एक विशाल आयताकार संरचना है जो लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर से बनी है। इसमें पांच मेहराबदार दरवाजे हैं, जो मस्जिद के मुख्य प्रवेश द्वार के रूप में कार्य करते हैं। मस्जिद के अंदर एक विशाल आंगन है जो चारों ओर से स्तंभों से घिरा हुआ है।
नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर: यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है और यह मांडू के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। मंदिर का निर्माण 10वीं शताब्दी में किया गया था और यह अपनी भव्य वास्तुकला और जटिल नक्काशी के लिए जाना जाता है।