Milk Purity Test: दूध को उसमें मौजूद ढेरों पोषक तत्वों की वजह से संपूर्ण आहार का दर्जा दिया जाता है। इसे सुपरफूड के तौर पर भी देखा जाता है। बच्चे हों या बुजुर्ग सभी को हेल्दी रहने के लिए दूध पीने की सलाह दी जाती है। हालांकि, आजकल मार्केट में धड़ल्ले से मिलावटी दूध बिकने लगा है जो कि हेल्दी बनाने के बजाय शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। दूध की शुद्धता जांचने के लिए कुछ तरीके आज़माए जा सकते हैं।
दूध की शुद्धता को लेकर आपके मन में अगर शंका है तो कुछ टिप्स आपके काफी काम आ सकते हैं। घर पर आसानी से दूध की शुद्धता की पहचान की जा सकती है। आइए जानते हैं ऐसे ही 6 तरीकों के बारे में।
दूध की शुद्धता जांचने के 6 तरीके
उबाल कर जांचें: दूध को धीमी आंच पर उबालें। अगर दूध गाढ़ा हो रहा है और उसमें दाने दिख रहे हैं तो समझ जाइए कि दूध में स्टार्च मिला हुआ है। अगर दूध उबलते समय रंग बदल रहा है तो इसका मतलब है कि दूध में रंग मिलाया गया है।
आयोडीन टेस्ट: दूध में कुछ बूंदें आयोडीन की डालें।अगर दूध नीला हो जाता है तो इसका मतलब है कि दूध में स्टार्च मिला हुआ है।
इसे भी पढ़ें: Garam Masala: खाने का स्वाद दोगुना कर देता है गरम मसाला, घर में इस तरीके से बनाकर कर लें स्टोर, सालभर चलेगा
उंगली टेस्ट: दूध की एक बूंद अपनी उंगली पर लें और उसे किसी सतह पर गिराएं। अगर दूध धीरे-धीरे फैलता है और एक सफेद निशान छोड़ता है तो यह शुद्ध दूध है। अगर दूध तुरंत फैल जाता है तो इसका मतलब है कि दूध में पानी मिला हुआ है।
सूरज की रोशनी में जांच: दूध को एक पारदर्शी गिलास में लेकर धूप में रखें। अगर दूध में धूल के कण दिखाई देते हैं तो इसका मतलब है कि दूध में गंदगी है।
झाग टेस्ट: एक गिलास में दूध लेकर उसे जोर से हिलाएं। अगर झाग बहुत ज्यादा बनता है और लंबे समय तक रहता है तो इसका मतलब है कि दूध में डिटर्जेंट मिला हुआ है।
फ्रीज में रखकर जांचें: शुद्ध दूध को फ्रीज में रखने पर ऊपर एक मलाई की परत जम जाती है। अगर मलाई की परत पतली या नहीं जमती है तो इसका मतलब है कि दूध में पानी मिला हुआ है।
इसे भी पढ़ें: Fridge Cleaning: मिनटों में क्लीन हो जाएगा फ्रिज, विंटर में इन टिप्स को करें फॉलो; स्मैल भी होगी खत्म
ध्यान दें
ये सभी तरीके घर पर दूध की शुद्धता जांचने के लिए उपयोगी हो सकते हैं, लेकिन इन तरीकों से 100% सटीक परिणाम नहीं मिल सकते हैं।
दूध की शुद्धता की पूरी जांच के लिए आपको किसी लैब में टेस्ट करवाना चाहिए।