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हिंदू धर्म में सोलह संस्कार होते हैं। विवाह उनमें से एक है। शादी विवाह में कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं, जिनका विशेष महत्व है। विवाह की रस्मों में जयमाला अहम रस्म मानी जाती है।

Marriage Rituals:सभी धर्मो के अलग अलग मान्यता हैं, उनके संस्कार हैं। मगर हिंदू धर्म में सोलह संस्कार होते हैं। विवाह उनमें से एक है। शादी विवाह में कई तरह की रस्में निभाई जाती हैं, जिनका विशेष महत्व है। विवाह की रस्मों में जयमाला अहम रस्म मानी जाती है। इस रस्म में वर, वधु एक दूसरे को फूलों की माला पहनाते हैं। धार्मिक परंपरा के मुताबिक, जयमाला को सौभाग्य का प्रतीक माना गया है। कहा जाता है कि समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी प्रकट हुई थीं और उन्होंने भगवान विष्णु को जयमाला पहनाया औऱ पति के रूप स्वीकार किया था। 

 धार्मिक महत्व
शादी में  जयमाला या वरमाला का पौराणिक कथाओं में उल्लेख मिलता है। मान्यतानुसार मां लक्ष्मी ने भगवान विष्णु को वरमाला पहनाकर पति के रूप में स्वीकारा था। इसी तरह भगवान शिव और माता पार्वती और राम और सीता के विवाह वर्णन में भी जयमाला का वर्णन किया गया है।

स्वीकारना  

शादी में वर वधु को एक दूसरे को वरमाला पहनाया जाता है। इसे एक तरह से एक दूसरे को स्वीकार करने का प्रतीक माना जाता है। यह दोनों के मन को मिलाने का काम करता है, जिससे विवाह का बंधन मजबूत हो सके।  साथ ही फूलों की माला पहनाकर वर और वधु एक दूसरे को शुभकामनाएं देते हैं। 
 

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