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Vaccination: बच्चों को भविष्य में होने वाली बीमारियों से बचाने के लिए समय-समय पर उनका वैक्सीनेशन जरूरी है। हेल्थ एक्सपर्ट से समझें बच्चे को कब कौन सा टीका लगाया जाता है।

Vaccination ।ist: समय के साथ कई ऐसी जानलेवा बीमारियां जन्म ले रही हैं, जिसके प्रति बच्चों को इम्यूनिटी मजबूत करना जरूरी है। कई ऐसी बीमारियां हैं, जिसके लिए शिशुओं को वैक्सीनेशन देना आवश्यक है ताकि भविष्य में किसी गंभीर बीमारी के शिकार होने से बच सकें। शिशुओं के लिए टीकाकरण एक जरूरी प्रक्रिया है, जो कि उन्हें कई जानलेवा बीमारियों से बचाती है। 

बच्चे के जन्म के साथ ही वैक्सीनेशन की शुरुआत हो जाती है। इंदौर स्थित कोकिलाबेन धीरुभाई अंबानी अस्पताल की शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रुचिरा पहारे से जानते हैं बच्चे को कब कौन सा टीका लगवाना चाहिए। 

आवश्यक टीकों की जानकारी
बीसीजी (BCG) का टीका - यह जन्म के तुरंत बाद दिया जाता है, जो कि क्षय रोग से बचाता है। 
हेपेटाइटिस बी (Hepatitis B) का टीका - इसका प्रथम डोज जन्म के 24 घंटे के भीतर दिया जाता है और यह हेपेटाइटिस-B वायरस के संक्रमण से बचाता है।
रोटावायरस टीका - रोटावायरस एक संक्रामक वायरस है, जिससे बच्चों को उल्टी-दस्त की गंभीर शिकायत हो सकती है। यह टीका बच्चों को पहले 6 महीना में मुंह से पिलाया जाता है । 

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पोलियो - पोलियो एक खतरनाक व जानलेवा बीमारी है, जो बच्चे को अपंग कर देती है। इसका पहला डोज जन्म के 24 घंटे के भीतर दिया जाता है।
डिप्थीरिया टेटनस व काली खांसी का टीका - इसे डीपीटी वैक्सीन (DPT) बोलते हैं। यह बच्चों को तीन खतरनाक व जानलेवा बीमारियों जैसे गलघोंटू टिटनेस व काली खांसी से बचाता है इसका पहला डोज 6 हफ्ते पर दिया जाता है। 
एमएमआर टीका- यह टीका शिशु को खसरा (Meas।es), Mumps व (Rube।।a) रूबेला नामक बीमारियों से से बचाता है ।

कुछ वैकल्पिक vaccines भी होते हैं, जैसे कि न्यूमोकोकल टीका, इन्फ्लूएंजा, Meningococca। मेनिनजाइटिस का टीका, चिकन पॉक्स, जापानी इनकेफेलाइटिस व टाइफाइड का टीका आदि दिए जा सकते हैं। डॉ. रुचिरा के मुताबिक इन सभी तरह के टीकों की जानकारी अपने शिशु के डॉक्टर से जरूर लेते रहें। किस समय के अंतराल में टीके लगवाने हैं और कब लगवाने हैं किस उम्र में कौनसे टीके लगवाने जरूरी है। 

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टीकाकरण का महत्व 

  • शिशु प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करते हैं।
  • गंभीर बीमारियों के संक्रमण का जोखिम कम करते हैं।
  • रोग के प्रसार को रोकते हैं।
  • जानलेवा बीमारियां जैसे पोलियो काली खांसी (pertussis), डिप्थीरिया इत्यादि से बचाते हैं।
     
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