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Frozen Shoulder Symptoms: फ्रोजन शोल्डर की समस्या अगर बढ़ जाए तो इससे रोजमर्रा के छोटे-छोटे काम भी मुश्किल होने लगते हैं। आइए जानते हैं इस परेशानी के शुरुआती लक्षण।

Frozen Shoulder Symptoms: हम सभी को कभी न कभी कंधे में दर्द या जकड़न जैसा जरूर महसूस हुआ होगा। वैसे तो ये एक आम समस्या है जो कि कुछ दिन में ठीक हो जाती है, लेकिन ये समस्या लगातार बनी रहे तो ये फ्रोज़न शोल्डर के लक्षण हो सकते हैं। फ्रोजन शोल्डर एक हेल्थ कंडीशन है जिसमें काफी दर्द होने के साथ मूवमेंट भी सीमित हो जाता है। इस परेशानी में  कंधों के ज्वाइंट्स में स्टिफनेस, दर्द और मोशन में कमी आने लगती है। इससे व्यक्ति के रोजमर्रा के कामकाज भी प्रभावित होने लगते हैं और छोटे-छोटे काम करने में भी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। 

फ्रोज़न शोल्डर की समस्या की आखिर मूल वजह क्या है, अब तक इसे ठीक से समझा नहीं जा सका है। हिन्दुस्तान टाइम्स के मुताबिक हर उम्र के लोगों को कंधे में दर्द जैसी समस्याओं को सामना कई बार करना पड़ता है। फ्रोजन शोल्डर होने के बाद रूटीन बुरी तरह प्रभावित हो जाता है और अगर ये समस्या लगातार बनी रहे और मेडिकेशन बेअसर रहे तो सर्जरी तक करानी पड़ सकती है। 

गंगाराम हॉस्पिटल, नई दिल्ली के ऑर्थोपेडिक एवं स्पोर्ट्स मेडिसिन विभाग के सीनियर कंसलटेंट डॉ. आशीष आचार्य कहते हैं  कि 'कंधा, जिसे ग्लानोह्युमेरन ज्वाइंट माना जाता है, अविश्वसनीय तौर पर लचीला होता है। इसी फ्लेक्जिबिलिटी की वजह से हाथों को अलग-अलग दिशा में घुमाया जा सकता है। ये ज्वाइंट बॉल एंड सॉकेट स्ट्रक्चर पर बना है जो कि  जहां पर ऊपरी हाथ की हड्डी ग्लेनॉइड से जुड़ी होती है।' ज्वाइंट लचीले कैप्सूल से जुड़ा होता है जिसमें साइनोवायल फ्लूड भरा होता है, जिसकी मदद से स्मूद और दर्दरहित मूवमेंट होता है। 

फ्रोज़न शोल्डर के लक्षण

स्टिफनेस - फ्रोजन शोल्डर की शुरुआत आमतौर पर स्टिफनेस यानी जकड़न से शुरू होती है। समय के साथ ये स्थिति खराब होती जाती है। प्रभावित कंधा धीरे धीरे मूवमेंट कम करने लगता है। 

दर्द - फ्रोजन शोल्डर होने पर सुस्ती और कंधे में दर्द बना रहता है। खासतौर पर अगर हाथों को मूव किया जाए तो दर्द काफी बढ़ जाता है। 

मोशन कम होना - फ्रोजन शोल्डर की परेशानी जैसे-जैसे बढ़ती जाती है हाथ का मूवमेंट उतनी ही तेजी से कम होने लगता है। इसके चलते डेली रूटीन की एक्टिविटीज करना भी काफी मुश्किलभरा होने लगता है। 

परेशानी की धीमी शुरुआत - फ्रोजन शोल्डर की समस्या एक दिन में नहीं होती है, बल्कि इसे पूरी तरह से डेवलप होने में 2 से 9 महीने तक का वक्त लग सकता है। इसी के साथ दर्द भी धीरे-धीरे बढ़ने लगता है और सुस्ती, अकड़न होने लगती है। 

क्या है इलाज
फ्रोजन शोल्डर की समस्या बढ़ जाए तो एंटी-इन्फ्लेमेटरी दवाइयों को दिया जाता है। इसके अलावा कॉर्टिकोसस्टेरॉइड इंजेक्शन भी एक विकल्प होता है। परेशानी को की स्थिति को देखते हुए फिजिकल थेरेपी भी कराने की सलाह दी जाती है। फिजिकल थेरेपी के साथ घर पर एक्सरसाइज़ भी एक ऑप्शन होता है। अगर इन सभी चीजों को करने के बाद भी आराम नहीं मिलता है तो आखिर में सर्जरी भी करनी पड़ सकती है। 

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