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Health Tips: बुजुर्गों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी लक्षणों को अक्सर सामान्य बुढ़ापे का हिस्सा मान लिया जाता है। उदासी, चिंता या थकान जैसे लक्षणों को उम्र के हिसाब से देखा जाता है।

Health Tips: इंसान की बढ़ती उम्र के साथ बीमारियां भी दस्तक दे देती है। आज कल मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देना और भी महत्वपूर्ण हो गया है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, 60 वर्ष या उससे अधिक आयु के लगभग 14% वयस्क मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं से ग्रसित होते हैं।

इसके समस्या के कई कारण हो सकते हैं, जैसे अकेलापन, शारीरिक बीमारियां, सामाजिक समर्थन की कमी और आर्थिक तनाव आदि। बुजुर्गों में मानसिक स्वास्थ्य संबंधी लक्षणों को अक्सर सामान्य बुढ़ापे का हिस्सा मान लिया जाता है। उदासी, चिंता या थकान जैसे लक्षणों को उम्र के हिसाब से देखा जाता है, जबकि कई बार ये मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के संकेत होते हैं।

अपनाएं ये टिप्स

  • कोशिश करें कि बुजुर्ग आध्यात्मिक कार्यों में अपनी रूचि दिखाएं। इसे अपने फेवरेट एक्टिविटीज में शामिल करें, क्योंकि ऐसा करने से उन्हें मानसिक तौर पर अच्छा लगेगा और वह सारी हेल्प मेंटल हेल्थ जैसी समस्याओं से कोसो दूर रह सकेंगे।
  • सामाजिक अलगाव बुजुर्गों के मानसिक स्वास्थ्य पर गहरा असर डाल सकता है। जिससे तनाव, चिंता और अन्य नकारात्मक लक्षण पैदा हो सकते हैं। सामाजिक मेल-जोल को बढ़ावा देकर इस समस्या से निपटा जा सकता है और बुजुर्गों को मानसिक रूप से स्वस्थ रखा जा सकता है।
  • ओल्ड एज में शारीरिक रूप से स्वस्थ होने के साथ-साथ इंसान को मानसिक तौर पर भी सेहतमंद रहना जरूरी है। इसके लिए बैलेंस डाइट की फल, सब्जी, साबुन, हेल्दी फैट, आदि लेते रहे। इससे मूड सही रहेगा और बीमारियां कोसो दूर रहेंगी।
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