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Heart Rate and Your Health: दिल की धड़कनों में आपकी ओवरऑल हेल्थ का लेखा-जोखा छिपा होता है। आइए जानते हैं हार्ट रेट शरीर की पूरी सेहत को लेकर क्या कहता है।

Heart Rate and Your Health: दिल हमारे शरीर का बेहद महत्वपूर्ण ऑर्गन होता है और इसकी दुरुस्त रहना बेहद जरूरी होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका दिल आपकी ओवरऑल हेल्थ के बारे में भी बता सकता है। दिल की धड़कन किस रफ्तार से चल रही है ये आपके पूरे स्वास्थ्य की एक बानगी बताता है। आप अगर गौर करेंतो हार्ट रेट किसी फिटनेस ट्रैकर की तरह काम कर सकता है। कई लोगों के मन में सवाल उठता है कि दिल की धड़कनें तेज होने का मतरा खतरा है या स्लो रिदम का होना अच्छा है?

आप भी अगर दिल की धड़कनों के कम या ज्यादा होने को लेकर किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाते हैं तो आइए जानते हैं इसके बारे में। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक कॉर्डियोलॉजिस्ट डॉ. रविंद्र सिंह राव जोर देकर कहते हैं कि हार्ट रेट उम्र, फिटनेस लेवल, हेल्थ कंडीशन के हिसाब से बदलता रहता है। 

हार्ट रेट से जुड़ी जरूरी बातें
डॉ. रविंद्र बताते हैं कि 18 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के लिए 60-100 बीट प्रति मिनट एक सामान्य गाइडलाइन हैं। जबकि एथलिट्स में हार्ट रेट उनके मजबूत कार्डियोवस्कुलर सिस्टम की वजह से कम हो सकता है। हालांकि डॉ. रविंद्र आगे कहते हैं कि हर व्यक्ति का हार्ट रेट यूनिक होता है, ऐसे में हेल्थकेयर प्रोफेशनल की एडवाइज़ जरूरी होती है। 

हार्ट रेट बढ़ने या घटने के मायने
आपका हार्ट रेट अगर लगातार बढ़ा रहता है तो ये दिखाता है कि आप या तो स्ट्रेस में हैं या एंजाइटी से पीड़ित हैं या कार्डियोवस्कुलर इशू से जूझ रहे हैं। जबकि लो हार्ट रेट होने का मतलब है कि आपका दिल खून को पंप करने में स्ट्रगल महसूस कर रहा है। 

हेल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि हार्ट रेट मेडिकल एक्जामिनेशन के दौरान काफी अहम भूमिका निभाता है। इससे जान खतरे में डालने वाली स्थितियों को डाइग्नोज किया जा सकता है। दिल की धड़कन से मिलने वाले  कुछ जरूरी संकेतों को समझकर आप लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव कर सकते हैं। 

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