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Eye Infection: मौसम में बदलाव के चलते आंखों में इंफेक्शन के मामले काफी बढ़ जाते हैं। आई इन्फेक्शन से राहत पाने के लिए कुछ घरेलू नुस्खे कारगर साबित हो सकते हैं।

Eye Infection: मौसम में बदलाव के दौरान कई तरह की संक्रमित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इन दिनों में आंखों के संक्रमण के मामले भी बढ़ जाते हैं। बारिश का मौसम खत्म होने को है और इसी के साथ अस्पतालों में आई फ्लू के केस बढ़ने शुरू हो गए हैं। आंखों में लालीमा, जलन और खुजली होने के मामले आने लगे हैं। आई फ्लू होने पर कुछ दिन बहुत मुश्किल के हो सकते हैं। हालांकि कुछ घरेलू उपाय कर इस परेशानी से राहत पायी जा सकती है। 

आयुर्वेद में आंखों का संक्रमण ठीक करने के लिए त्रिफला, गुलाब जल को काफी कारगर माना गया है। त्रिफला का क्वाथ तैयार कर उससे आंखें धोने से तेजी से राहत मिलती है। इन चीजों का कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है। 

क्या है कंजक्टिवाइटिस?
कंजक्टिवाइटिस आंखों का संक्रमण होता है जिसमें आंख के सफेद भाग में सूजन आ जाती है। इस हिस्से में हजारों ब्लड वैसल्स होती हैं जो सूज जाती हैं और इसके चलते आंखों का सफेद भाग लाल दिखाई देने लगता है। अगर इसमें बैक्टारियल इंफेक्शन हो जाए तो ये ज्यादा गंभीर हो सकता है। 

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2 चीजों से मिलेगी राहत 
आंखों का संक्रमण होने पर या कंजक्टिवाइटिस की सूरत में दो चीजें काफी राहत पहुंचा सकती हैं। त्रिफला और गुलाब जल से आंखों को धोने से काफी राहत मिलती है। त्रिफला का इस्तेमाल करने के लिए इसका क्वाथ बनाना जरूरी है। इसके लिए एक गिलास साफ पानी में 2 चुटकी त्रिफला चूर्ण डालकर उबालें। 

पानी गुनगुना होने के बाद उसे सूती कपड़े की 6-8 परत बनाकर छान लें। इससे चूर्ण का कोई भी कण पानी में नहीं रहेगा। इसके बाद तैयार त्रिफला क्वाथ से संक्रमित आंखों को धोएं। ऐसा दिन में दो बार करने से काफी आराम मिलेगा। इसी तरह गुलाब जल को सीधा पानी में डालकर भी आंखें छिड़क सकते हैं। 

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ध्यान रखने वाली बातें

  • संक्रमित मरीज बार-बार साबुन से हाथ धोए। 
  • आंखों पर हाथ लगाने के लिए साफ सूती कपड़ा, रुमाल इस्तेमाल करें। 
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें, जरूरी होने पर काला चश्मा लगाकर जाएं।
  • हल्का और सुपाच्य भोजन करें, तेल मसालेदार चीजें खाने से बचें।

(Disc।aimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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