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Kumbhalgarh Fort: राजस्थान के राजसमंद जिले में कुंभलगढ़ किला स्थित है। ये किला एक ऐतिहासिक धरोहर है और यहीं पर महाराणा प्रताप का जन्म भी हुआ था।

Kumbhalgarh Fort: राजस्थान अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए अलग पहचान रखता है। इस राज्य में घूमना हमेशा ही कुछ न कुछ नयापन लिए होता है। आप अगर इतिहास में दिलचस्पी रखते हैं और घूमने के शौकीन हैं तो राजस्थान के कुंभलगढ़ किले की विजिट जरूर करें। अपनी खास बनावट की वजह से अजेय रहा ये किला कई वजहों से चर्चित रहा है। 

देश के महान शूरवीर महाराणा प्रताप का जन्म भी कुंभलगढ़ किले में ही हुआ था। राजस्थान के राजसमंद जिले में मौजूद इस किले को जीत पाना बेहद मुश्किल था, यही वजह है कि इसका उपनाम अजेयगढ़ रखा गया था। 

3600 फीट की ऊंचाई पर है किला
नाथद्वारा से कुंभलगढ़ की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है और आज भी यहां सड़क मार्ग से पहुंचने के लिए मुश्किल रास्ते को पार करना पड़ता है। किले तक पहुंचने पर अंदाजा लग जाता है कि आखिर कितनी मुश्किलों से इसका निर्माण किया गया होगा। ये किला 3600 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है। इस किले की खूबी के चलते यहां हर साल लाखों देशी-विदेशी पर्यटक घूमने के लिए पहुंचते हैं। 

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15 साल में हुआ था निर्माण
कुंभलगढ़ किले का निर्माण 15वीं सदी में राणा कुंभा ने शुरू करवाया था। इस किले को तैयार होने में 15 साल से ज्यादा का वक्त लगा था। इससे ही किले की विशालता का अंदाजा मिल सकता है। अरावली की पहाड़ियों के बीच मौजूद कुंभलगढ़ किले को मेवाड़ किले के तौर पर भी पहचाना जाता है। किले के अंदर सैंकड़ों हिंदू और जैन मंदिर का निर्माण किया गया है। 

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यूनेस्को धरोहर में शामिल है किला
कुंभलगढ़ किला जिस जगह पर स्थित है वहां उसे कैसे बनाया गया होगा ये ही सोचने पर आप मजबूर हो सकते हैं। इस किले के चारों ओर बनी दीवार की लंबाई लगभग 38 किलोमीटर है, जो कि चीन की दीवार के बाद दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार मानी जाती है। इस दीवार की वजह से किले का नाम यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थल में भी शामिल किया गया है। 

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