Mpox Symptoms: दुनियाभर में मंकी पॉक्स का खतरा तेजी से बढ़ने लगा है। कई देशों में मंकी पॉक्स के नए मरीज मिलने लगे हैं। इस वायरस की गंभीरता को देखते हुए WHO ने इमरजेंसी का ऐलान किया है। अफ्रीकी देशों से शुरू हुआ मंकी पॉक्स का संक्रमण तेजी से फैलने लगा है। भारत में भी इस वायरस के खतरे को देखते हुए सरकार हरकत में आ गई है।
मंकी पॉक्स जानवरों से इंसानों में फैलने वाला एक वायरस है। इसे लेकर बरती गई थोड़ी भी लापरवाही महामारी में तब्दील हो सकती है। ऐसे में मंकी पॉक्स के लक्षणों को जानने के साथ एहतियात बरतना जरूरी है।
क्या है मंकी पॉक्स?
अफ्रीका से शुरू हुआ मंकी पॉक्स का प्रकोप दुनियाभर में तेजी से फैलने लगा है। हमारे पड़ोसी देशों में भी इस बीमारी के मरीज मिलने लगे हैं। जानवरों से इंसानों में फैलने वाला मंकी पॉक्स सबसे पहले 1958 में पहचाना गया था। ये वायरस चेचक के जैसा ही है और इंसानों में पहुंचने के बाद तेजी से फैलता है।
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मंकी पॉक्स के लक्षण
मंकी पॉक्स का इंफेक्शन होने पर सबसे पहले मरीज को बुखार आने की शुरुआत होती है। इसके अलावा शरीर पर चकत्ते बनना शुरू हो जाते हैं। ये चकत्ते चेहरे पर या प्राइवेट पार्ट्स के आसपास हो सकते हैं। इसके अलावा चकत्ते सफेद, पीली फुंसियों में तब्दील हो सकते हैं जिनमें पस भर जाता है।
इसके अलावा चकत्ते में खूब खुजली और दर्द होता है। मरीज को सिरदर्द रहने के साथ ही मसल्स में पैन होने लगता है। बच्चे, बुजुर्गों, गर्भवती महिलाओं और कमजोर इम्यूनिटी के लोगों को इस वायरस को लेकर विशेष एहतियात बरतने की जरूरत होती है।
कैसे फैलता है मंकी पॉक्स?
मंकी पॉक्स एक संक्रामक रोग है जो जानवरों से इंसानों में प्रवेश करता है। वायरस से संक्रमित होने के बाद 21 दिन बाद इसके लक्षण सामने आ सकते हैं। इसका असर भी 14 से 21 दिन तक रह सकता है। राहत की बात ये है कि इस बीमारी की वैक्सीन भी है। मंकी पॉक्स मुख्य तौर पर संक्रमित मरीज के संपर्क में आने पर फैलता है।
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संक्रमित मरीज की स्किन से संपर्कित होने पर या फिजिकल रिलेशनशिप की वजह से इंफेक्शन का खतरा बढ़ता है। इसके अलावा ये वायरस आंख, सांस, मुंह और नाक के जरिये भी शरीर में प्रवेश कर सकता है।