Logo
Parenting Tips: नए सेशन की शुरुआत होने वाली है। ऐसे में कई घरों में छोटे बच्चों को लेकर मुसीबत आ जाती है। वे स्कूल जाना नहीं चाहते हैं। ऐसे में पैरेंट्स कुछ टिप्स को आजमा सकते हैं।

Parenting Tips: बहुत से स्कूलों में नए सेशन की शुरुआत हो गई है और इसी के साथ घरों में भी सुबह का रूटीन लौट आया है। छोटे बच्चे वाले घरों में सुबह का वक्त काफी स्ट्रेस भरा होता है। कई बच्चे स्कूल जाने से कतराते हैं, ऐसे में उन्हें स्कूल जाने के लिए मनाना और तैयार करना मुश्किल काम होता है। ऐसे में पैरेंट्स कई बार इस वजह से स्ट्रेस में भी आ जाते हैं। 

बच्चे के स्कूल न जाने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। पैरेंट्स का इस ओर ध्यान देना जरूरी है। इसके साथ ही बच्चों के रूटीन में जरूरी बदलाव कर और उन्हें इमोशनल मजबूती देकर बच्चे को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाया जा सकता है। 

इन पैरेंटिंग टिप्स को करें फॉलो

रूटीन बनाएं - बच्चे के स्कूल का सेशन जब भी शुरू होने जा रहा हो तो उसके एक हफ्ते पहले से उसे पुराने रूटीन में ढालना शुरू कर दें। बच्चे को सुबह जल्दी उठाना शुरू करें और स्कूल जाने के समय से पहले ही तैयार होने का रूटीन बनाएं। बच्चे के सोने और जागने का समय तय करना भी जरूरी है। 

इसे भी पढ़ें: Parenting Tips: 5 तरीके बच्चे में कूट-कूटकर भर देंगे आत्मविश्वास, किसी से बात करने से नहीं घबराएगा, हर कदम पर मिलेगी सफलता

पहली बार साथ जाएं - बच्चे के स्कूल के नए सेशन के दिन पहली बार पैरेंट्स बच्चे को स्कूल छोड़ने जाएं। इससे बच्चे को मोराल सपोर्ट मिलता है और वे कंफर्टेबल महसूस करने लगते हैं। अगर बच्चा पहली बार स्कूल जा रहा है तो कोशिश करें कि उसे क्लास तक छोड़ने जाएं। इससे बच्चे का कॉन्फिडेंस बढ़ेगा। 

पहले से करें तैयारी - स्कूल जाने से पहले ही बच्चे की जरूरी चीजों की लिस्ट बनाएं और उन्हें पहले से ही तैयार रख लें। इसें लंच बॉक्स, नोट बुक, बैकपैक आदि चीजें हों। अगर इनकी खरीदी करना हो तो एक हफ्ते पहले ही ये सब कर के रख लें। इससे बच्चे को स्कूल जाने में कम्फर्ट महसूस होगा। 

इसे भी पढ़ें: Parenting Tips: बच्चा हर बात पर करने लगा है जिद, 5 तरीकों से उसे बनाएं आज्ञाकारी, हर कोई करेगा तारीफ

इमोशनल सपोर्ट - बच्चा अगर स्कूल जाने में आनाकानी करता है तो उसे समझने की कोशिश करें। बच्चे को इमोशनली सपोर्ट करें और समझे की आखिर क्या वजह है जो बच्चा स्कूल जाने से कतरा रहा है। बच्चे को खुलकर बोलने की आजादी दें, जिससे वो अपनी समस्या आपके सामने रख सके। 

5379487