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नया साल 2024 शुरू होने वाला है। आप भी चाहेंगे कि आने वाले साल में आप शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ, ऊर्जावान और सकारात्मक रहें। इसके लिए आपको अपनी जीवनशैली में बदलाव से जुड़े कुछ संकल्प लेने होंगे। इन संकल्पों को लेकर अगर आप इन पर अमल करेंगे तो पूरे साल मानसिक रूप से स्वस्थ रहेंगे।

New Year Resolution 2024: नया साल आने में बस कुछ ही दिन बाकी हैं। आप भी आने वाले नए साल की शुरुआत अपने जीवन में कुछ अच्छी आदतों को अपनाकर सकते हैं, जिससे आपका मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों ही बेहतर रहेगा। आपका मन स्वस्थ है तो आप किसी भी जिम्मेदारी को आसानी से उठा सकते हैं, आप उसे बोझ नहीं समझेंगे और बेहतर तरीके से निभा भी सकेंगे।

कहा जाता है कि मन से शरीर का संबंध बहुत गहरा होता है। मन शांत और प्रसन्नचित्त हो तो शरीर भी तंदुरुस्त रहता है। इसलिए अपने मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए इस नए साल के लिए ये 5 रेजॉल्यूशन लें।

सोच को रखेंगे सकारात्मक
यदि आप किसी भी परिस्थिति में अपनी सोच को सकारात्मक रखते हैं तो इससे आप केवल अपनी समस्या का निदान ही नहीं करते, बल्कि उस समस्या का प्रभाव आपके व्यक्तित्व पर भी नहीं पड़ता है। आप उस परेशानी में उलझने से सदा के लिए बच जाते हैं। कई बार हम दूसरों से अपनी तुलना करने लगते हैं, जो हमारी सेहत के लिए भी ठीक नहीं होता है। यह जरूरी नहीं है कि जो चीज हमारे पास है, वह दूसरे के पास भी हो।

अगर दूसरे के पास वो चीज नहीं है तो इससे हमारे अंदर अहंकार पैदा होता है। यदि अपने पास वो चीज नहीं है तो दूसरे को देखकर ईर्ष्या होने लगती है। ये दोनों ही आदतें हमारी मानसिक शांति और सुकून को छीन लेती हैं। इससे बचने के लिए यह जरूरी है कि इस नए साल में हम अपनी सोच को हर दशा में सकारात्मक रखने का संकल्प लें।

वर्क-पर्सनल लाइफ को करेंगे बैलेंस
जीवन का आनंद लेने और तनाव से बचे रहने के लिए अपनी पर्सनल लाइफ और वर्क लाइफ में हमेशा बैलेंस करना सीखें। अक्सर देखा जाता है कि कुछ लोग अपनी वर्क लाइफ पर ही अधिक फोकस करते हैं, पर्सनल लाइफ पर उतना ध्यान नहीं दे पाते हैं। नतीजन वे लोग वर्क लाइफ में तो अच्छा परफॉर्म करते हैं लेकिन पर्सनल लाइफ में अपनों से बहुत दूर हो जाते हैं, जिससे रिश्तों में दूरियां और खटास आने लगती है।

ऐसे लोग अपनी हेल्थ पर भी ध्यान नहीं दे पाते और अपने काम में इतने व्यस्त होते हैं कि पूरी नींद भी नहीं ले पाते हैं, जिससे वे कई तरह की बीमारियों से असमय ग्रस्त होने लगते हैं। इन समस्याओं से बचने के लिए नए वर्ष में अपनी फैमिली के साथ समय बिताने, अपनी पर्सनल और वर्क लाइफ में बैलेंस करने का भी रेजॉल्यूशन जरूर लें।

हॉबी को देंगे समय
हर व्यक्ति की कोई ना कोई हॉबी जरूर होती है। डांसिंग, सिंगिंग, रीडिंग, प्लेयिंग, पेंटिंग या टूरिज्म जैसी कोई ना कोई हॉबी आपको भी जरूर होगी। अपने घर, परिवार की जिम्मेदारियों और काम से समय निकालकर अपनी हॉबी को जरूर समय दें। इससे आपका आत्मविश्वास तो बढ़ता ही है, साथ ही एक नया दृष्टिकोण भी मिलता है। हॉबी से हमारी रचनात्मक क्षमता बढ़ती है और हमें खुशी भी मिलती है, जिसके कारण हमारे ब्रेन से हैप्पी हार्मोन केमिकल निकलता है। इसीलिए हमारे जीवन में एक हॉबी का होना बहुत जरूरी है। वैसे भी जिस काम में हमारा मन लगता है, उसके लिए हमें समय जरूर निकालना चाहिए।

गैजेट्स एडिक्शन से रहेंगे दूर 
इंटरनेट, मोबाइल, टैबलेट और लैपटॉप से एक तरफ हमारे जीवन में कई तरह की सुविधाएं मिल गई हैं तो वहीं दूसरी ओर इनका एडिक्शन एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। इसका दुष्प्रभाव समाज के सभी वर्ग के लोगों पर पड़ रहा है। हमारी मानसिकता पर तो इसका प्रभाव पड़ ही रहा है, यहां तक कि यह हमारे संबंधों को भी खराब कर रहा है।

अक्सर हम इंटरनेट, मोबाइल के जरिए सोशल मीडिया में इतना समय बर्बाद करते हैं कि हमारे आस-पास क्या हो रहा है उस तरफ हमारा ध्यान ही नहीं जाता है। इतना ही नहीं यह एडिक्शन हमारी रचनात्मक क्षमताओं पर भी प्रभाव डालता है। इसलिए यह ध्यान रखना जरूरी है कि इंटरनेट और मोबाइल हमारे जीवन के कामों को सरल बनाने के साधन हैं। अपने काम के लिए इसका उपयोग जरूर करें, लेकिन इनका दुरुपयोग या अत्यधिक उपयोग करने से बचें। इसलिए एक संकल्प यह भी लें कि नए वर्ष में इंटरनेट और गैजेट्स का लिमिटेड यूज करेंगे और इसके एडिक्शन से बचेंगे।

निःस्वार्थ भाव से सेवा करेंगे
जब हम बिना किसी स्वार्थ के कोई काम करते हैं तो हमें उस काम को करने से आंतरिक खुशी मिलती है, क्योंकि जब हम कोई नेक काम करते हैं और उसमें हमारी कोई आसक्ति (जैसे हमें उससे नाम, पैसा या मान मिले) नहीं रहती है और हम उस काम को दिल से करते हैं। उसमें हमारा कोई स्वार्थ नहीं होता है तो हमें स्वतः ही अपार खुशी का अनुभव होता है।

जब हम अपने घर-परिवार के लिए काम करते हैं तो यह हमारी जिम्मेदारी होती है। हमें लगता है कि इसे हम नहीं करेंगे तो कौन करेगा। लेकिन जब हमारी रुचि निःस्वार्थ सेवा करने में होती है तो हम उस काम को बोझ नहीं समझते हैं। तब हम सबके प्रति अच्छा सोचते हैं, शुभ भावना और शुभकामना रखते हैं। इसीलिए किसी अनाथालय या ओल्ड एज होम में जाकर बच्चों के साथ समय बिताएं या बुजुर्गों की सेवा जरूर करें। इससे आपको दुआएं मिलेगी और अपने काम से संतुष्टि भी। इससे सारा मानसिक तनाव दूर होगा, आत्मिक शांति मिलेगी। आप भी नए वर्ष में ऐसी कोई हैबिट जरूर शुरू करें। 

(ये सलाह साइकोलॉजिस्ट डॉक्टर ज्योति कपूर (नई दिल्ली) से बातचीत पर आधरित है। )

प्रस्तुति: संध्या रानी
 

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