List of talented Indians: हर साल की तरह न्यूयॉर्क से प्रकाशित अमेरिकी साप्ताहिक समाचार पत्रिका ‘टाइम’ ने इस साल भी ‘द हंड्रेड मोस्ट इंफ्लूएंशियल पीपुल ऑफ द ईयर 2024 की सूची कुछ समय पूर्व जारी की। इसमें दुनिया के प्रभावशाली आर्टिस्ट, आइकंस, लीडर्स, इनोवेटर्स और पायनियर्स को जगह मिली है। हाल के कई सालों की तरह इस साल भी प्रभावशाली लोगों की इस सूची में अच्छी-खासी संख्या भारतीयों की भी है।
टॉप 100 में शामिल भारतीय: इस बार दुनिया के 100 महत्वपूर्ण लोगों की टाइम मैगजीन की लिस्ट में जिन भारतीयों ने अपनी जगह बनाई है, उनमें विश्व बैंक के अध्यक्ष अजय बंगा, बॉलीवुड एक्ट्रेस आलिया भट्ट, माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, पूर्व ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, अभिनेता देव पटेल, अमेरिकी ऊर्जा विभाग के लोन प्रोग्राम ऑफिस के निदेशक जिगर शाह, येल यूनिवर्सिटी में खगोल भौतिकी की प्रोफेसर और ‘मैपिंग द हेवेंस: द रेडिकल साइंटिफिक आइडियाज दैट रिवील द कॉसमॉस’ की लेखिका प्रियंवदा नटराजन और भारतीय मूल की रेस्त्रां मालकिन असमा खान शामिल हैं।
मिलता है ग्लोबल फेम: ‘टाइम’ पत्रिका की सालाना प्रकाशित होने वाली इस सूची में अपनी जगह बनाना कोई छोटी बात नहीं होती। इस सूची में होने का मतलब है कि प्रभाव के ग्लोब में व्यक्ति की एक सुनिश्चित जगह और पहचान है। इसमें शामिल होने के लिए अलग-अलग क्षेत्रों की नामचीन हस्तियों और ‘टाइम’ पत्रिका के अंतरराष्ट्रीय लेखन स्टाफ से नामांकन मंगाए जाते हैं। इस तरह प्रभाव आकलन की कई कसौटियों से गुजरकर किसी शख्स का ‘टाइम’ मैगजीन के प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल होना, अपने आपमें महत्वपूर्ण है।
प्रभावशाली लोगों की यह सालाना सूची हर साल मैनहटन में आयोजित एक समारोह में जारी की जाती है। हालांकि इस सूची का दुनिया के किसी आधिकारिक संस्था, संगठन या समारोह से कोई रिश्ता नहीं है, फिर भी एक बार आपका नाम इस सूची में आ जाए तो फिर पूरी दुनिया आपके बारे में जानने को उत्सुक रहती है और ये 100 लोग वास्तव में दुनिया के इंप्रेसिव अंबेसडर माने जाते हैं।
पहले भी हुए कई भारतीय शामिल: वर्ष 1923 से प्रकाशित ‘टाइम’ मैगजीन की अब तक की प्रभावशाली सूचियों में सैकड़ों भारतीय अपनी जगह बना चुके हैं। अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान, इंदिरा नूई और राजामौली जैसी शख्सियतें इसकी सूची में कई बार जगह पाती रही हैं। एक बार इस सूची में किसी का नाम आ जाता है तो फिर वह पूरी दुनिया में अपनी पहचान का मोहताज नहीं रहता।
शामिल करने का होता है ठोस आधार: माना जाता है कि इस लिस्ट में शामिल लोगों के काम, मानवता के हित में होंगे और भविष्य की पीढ़ियों के लिए शानदार और सकारात्मक राह दिखाएंगे। स्वास्थ्य, व्यवसाय, मनोरंजन, विज्ञान, राजनीति या कोई भी क्षेत्र, जिससे लोग या लोगों का समूह प्रभावित होता हो, उन सब क्षेत्रों से इस सूची के लिए महत्वपूर्ण शख्सियतें चुनी जाती हैं। इसलिए इस सूची के लिए निश्चित विषय नहीं हैं, यह चयन ऐसे लोगों द्वारा किया जाता है, जिनका चयनित लोगों से कोई दूर-दूर तक का रिश्ता नहीं होता।
मसलन, ब्रिटिश फिल्म-टेलीविजन निर्माता, निर्देशक और लेखक टॉम हार्पर ने इस सूची के लिए बॉलीवुड अभिनेत्री आलिया भट्ट की सिफारिश करते हुए उन्हें दुनिया की शीर्ष अभिनेत्रियों में से एक बताया है। साथ ही टॉम ने उन्हें कुशल व्यवसायी, ईमानदार और परोपकारी महिला भी माना है। इसी तरह यूएस ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट ऐलेन ने अजय बंगा की इस पत्रिका की सूची के लिए सिफारिश करते हुए लिखा है कि वे एक बड़ी कंपनी का नेतृत्व करने के बाद विश्व बैंक में आए हैं और लाखों बैंक रहित लोगों को डिजिटल अर्थव्यवस्था से जोड़ा है।
उन्होंने विश्व बैंक में गरीबी मुक्त दुनिया बनाने के लिए एक नया दृष्टिकोण रखा है और इसे पूरा करने के लिए लगातार आगे बढ़ रहे हैं। इस सूची का हिस्सा सत्या नडेला भी एक ऐसी भारतीय शख्सियत हैं, जिन्हें कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में एआई क्रांति का जनक माना गया है। गौरतलब है कि टेक्नोलॉजिस्ट सत्या नडेला, एआई को इंसानों को सशक्त बनाने के उपकरण के तौर पर देखते हैं, यह समूची मानवता के लिए उनका बहुत बड़ा योगदान है। इसी सूची में शामिल साक्षी मलिक, हाल के दिनों में अपने पहलवान होने की पारंपरिक पहचान के इतर प्रतिरोध के योद्धा के रूप में उभरकर सामने आई हैं।
उनके बारे में फिल्म निर्माता निशा पाहुजा ने लिखा है, ‘वह भारत के सबसे प्रसिद्ध पहलवानों में से एक थीं, लेकिन एक अन्याय से मुकाबला करते हुए उन्होंने कुश्ती से संन्यास ले लिया।’ इस सूची का हिस्सा बने अभिनेता देव पटेल पहली बार लाइमलाइट में तब आए थे, जब फिल्म ‘स्लमडॉग मिलेनियर’ में उन्हें जमाल मलिक के रूप में दुनिया ने देखा था और उन्हें इसके लिए ऑस्कर पुरस्कार मिला था। उनके बारे में अभिनेता डेनियल कालूया ने लिखा है कि वे बड़े पर्दे पर अच्छाइयां बिखेरते हैं, जब वे स्क्रीन पर आते हैं तो मानवता चमकती है।
भारत के बढ़ते वर्चस्व का प्रमाण:टाइम पत्रिका की प्रभावशाली लोगों की सालाना सूची में शामिल होना इसलिए एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि इस सूची में शामिल होने के बाद आप न सिर्फ प्रत्यक्ष रूप से बल्कि अप्रत्यक्ष रूप से भी अपने आस-पास के लोगों के साथ-साथ पूरी दुनिया के लोगों को प्रभावित करने की क्षमता पा लेते हैं। भारत में हमेशा से कुछ एक योग्य प्रभावशाली लोग होते रहे हैं। जैसे एक दौर में दुनिया की सबसे प्रभावशाली शख्सियत महात्मा गांधी थे, तो अपने अपने समय पर जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, फिल्म अभिनेत्री नरसिग दत्त, निर्माता-निर्देशक राजकपूर, क्रिकेटर सुनील गावस्कर, बाद में सचिन तेंदुलकर और दर्जनों दूसरे लोग इस प्रभावशाली सूची का हिस्सा बनते रहे हैं।
लेकिन अब के पहले इतने बड़े पैमाने पर एक साथ भारतीयों का नाम इस सूची में शामिल नहीं होता रहा जैसा कि पिछले एक डेढ़ दशकों से हो रहा है। इससे साफ पता चलता है कि यह अलग-अलग क्षेत्रों में कुछ गिने-चुने भारतीयों की शानदार कामयाबी का नतीजा नहीं है बल्कि इसके पीछे भारत का दुनिया में बढ़ता रुतबा, भारतीय प्रोफेशनलों की मजबूत होती वैश्विक साख और दुनिया की गिरती जनसंख्या के बीच भविष्य में वर्कफोर्स समस्या का मजबूत विकल्प बनकर उभरे भारतीयों की ताकत है। भारत पर आज पूरी दुनिया की नजर है। आज दुनिया के हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी का परचम फहरा रहे भारतीयों को हर कोई नोटिस ले रहा है और उन्हें प्रभावशाली मान रहा है। ये भारतीय भारत के चमकदार भविष्य की गारंटी है।
निनाद गौतम