Weight Lifting Tips: स्ट्रेंथ और कैपेसिटी बढ़ाने वाली ट्रेनिंग हमेशा से ही हेल्थ और फिटनेस पर दबाव बढ़ाने वाली होती हैं। आप अगर रोजाना जिम जाकर एक्सराइज़ करते हैं और अब वेट लिफ्टिंग (Weight Lifting) करने का मन बना चुके हैं तो आपको पहली बार वेट लिफ्टिंग करने से पहले कुछ जरूरी बातों को जानना जरूरी है। एक्सपर्ट की देखरेख में आप अपने ज्वाइंट्स को चुस्त रखकर अपने फिटनेस गोल (Fitness Goal) को भी पूरा कर सकते हैं। इस बार का ध्यान रखें कि वेट लिफ्टिंग के दौरान अलग लापरवाही बरती जाए तो ये शरीर के लिए काफी परेशानी पैदा कर सकती है।
सही वेट लिफ्टिंग तकनीक करें इस्तेमाल
आप चाहे लंबे वक्त से वेट लिफ्टिंग कर रहे हैं या फिर वेट लिफ्टिंग का पहला ही मौका है, सही वेट लिफ्टिंग टेक्निक को समझना और उस पर अमल करना ज़रूरी है। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार फिटनेस एक्सपर्ट गरिमा गोयल कहती हैं कि वेट लिफ्टिंग अनुशासन में की जाने वाली एक्सरसाइज है जिसे बेहद बारीकी और सटीकता से करना चाहिए, जिससे चोट लगने का खतरा कम रहे। इसके साथ ही एक्सरसाइज़ का ज्यादा से ज्यादा फायदा मिल सके।
गोयल के अनुसार वेट लिफ्टिंग यात्रा का शुरुआत करने पर सबसे पहले सही वजन का चुनाव बेहद जरूरी होता है। 'बिगिनर्स के लिए ये सलाह रहती है कि वे लाइट वेट से इसकी शुरुआत करें। जब शरीर लाइट वेट का अभ्यस्त हो जाए और क्षमता बढ़ने लगे तो फिर धीरे-धीरे वजन बढ़ाएं। ये वेट ट्रेनिंग का बेसिक कॉन्सेप्ट है।'
लाइट एक्सरसाइज़ से करें शुरुआत
मजबूत फाउंडेशन बनाने के लिए स्क्वाट, डेडलिफ्ट्स, बेंच प्रेस और ओवरहेड प्रेस जैसी बेसिक मूवमेंट एक्सरसाइज में मास्टरी करना चाहिए। गोयल आगे कहती हैं इन एक्सरसाइज़ अलग-अलग मसल्स ग्रुप को लाभ पहुंचाती हैं और ओवरऑल स्ट्रेंथ और मसल्ड डेवलपमेंट करती हैं।
इन बातों का रखें ध्यान
- वेट लिफ्टिंग के लिए कंट्रोल मूवमेंट जरूरी है। तेज या जर्की मोशन वाले एक्सरसाइज़ से बचें।
- वेट लिफ्टिंग के दौरान सांस लेने का तरीका महत्वपूर्ण रोल अदा करता है। इससे इन्ट्रा एब्डॉमिनल प्रेशर को रेगुलेट करने में मदद मिलती है।
- वेट लिफ्टिंग की ट्रेनिंग के दौरान सेल्फ लर्निंग भी काफी फायदेमंद हो सकती है। हालांकि ट्रेनर्स के गाइडेंस की सिफारिश की जाती है।
- वेट लिफ्टिंग के दौरान वजन बढ़ाने की प्रक्रिया धीरे-धीरे होनी चाहिए। एकदम से ज्यादा वजन उठाना मसल्स को डैमेज कर सकता है।
- शरीर के लिए वेट लिफ्टिंग के साथ ही रेस्ट डे का भी उतना ही महत्व होता है। ऐसे में अपने रूटीन में इसे जरूरी शामिल करें।