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Dengue: देश के कई राज्य इन दिनों डेंगू की लहर हैं। डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो संक्रमित मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू के मुख्य लक्षणों में तेज बुखार, सिरदर्द की दिक्कत होने लगती है। आइए जानते है प्लेटलेट्स काउंट के बारे में

Dengue: देश के कई राज्य इन दिनों डेंगू की लहर हैं। डेंगू एक वायरल संक्रमण है जो एडीज एजिप्टी मच्छरों के काटने से फैलता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द शामिल होते हैं। डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स काउंट का गिरना एक सामान्य बात है और यह स्थिति काफी खतरनाक हो सकती है। प्लेटलेट्स काउंट कम होने का मुख्य कारण है वायरल इंफेक्शन जो बोन मैरो को प्रभावित करता है, जहां प्लेटलेट्स का निर्माण होता है।

इन राज्यों में बढ़ने लगे डेंगू के केस
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र, कर्नाटक और केरल सहित देश के पूर्वी राज्यों में भी इस रोग के मामले बढ़ रहे हैं। इस साल अब तक कर्नाटक में डेंगू के 10,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, जिनमें आठ की मौत हो गई है। दिल्ली, राजस्थान और गुजरात में भी डेंगू संक्रमण के मामले बढ़ने की खबर है।

डेंगू और इसका खतरा
स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं कि डेंगू के लक्षण हल्के से लेकर गंभीर हो सकते हैं। डेंगू के कारण आंतरिक रक्तस्राव होने का भी खतरा रहता है जिसे जानलेवा दुष्प्रभावों वाला माना जाता है। प्लेटलेट्स काउंट 40 हजार से कम होने को गंभीर स्थिति वाला माना जाता है। इसमें आपातकालीन चिकित्सा और अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी हो सकती है।

ब्लड प्लेटलेट्स क्या होता है?
प्लेटलेट्स या थ्रोम्बोसाइट्स, हमारे खून में मौजूद छोटी कोशिकाओं के टुकड़े होते हैं जो रक्त का थक्का बनाने में मदद करते हैं। अगर ये न हों तो खून जमेगा नहीं और अत्यधिक रक्तस्राव का खतरा हो सकता है। उदाहरण के तौर में किसी तरह की चोट लगने पर प्लेटलेट्स घाव के स्थान पर इकट्ठा होकर प्लग की तरह काम करते हैं और थक्का बनाने की प्रक्रिया में रक्त को सील कर देते हैं, जिससे रक्त आपके शरीर से बाहर जाने से रुक जाता है। डेंगू के मरीजों में इसी ब्लड प्लेटलेट्स की मात्रा कम होने लग जाती है।

कितनी होनी चाहिए प्लेटलेट्स काउंट?
डॉक्टरों के अनुसार स्वस्थ व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट काउंट 1,50,000 से 4,50,000 प्लेटलेट्स प्रति माइक्रोलीटर ब्लड तक होती है। डेंगू के मरीजों में प्लेटलेट काउंट कम होने की समस्या अधिक होती है। प्लेटलेट्स की मात्रा 150,000 से कम होना चिंताजनक माना जाता है। 50000 तक की मात्रा को गंभीर समस्याओं का संकेत माना जाता है, जिसमें आंतरिक रक्तस्राव होने का खतरा हो सकता है। यही कारण है कि डेंगू के गंभीर रोगियों को प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता हो सकती है। 

कैसे बढ़ाई जा सकती है इनकी मात्रा?
डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने के लिए कई घरेलू उपाय और चिकित्सकीय तरीके अपनाए जा सकते हैं। पपीते के पत्तों का रस, गिलोय का रस, और अनार का रस प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसके अलावा, विटामिन सी युक्त फलों का सेवन भी प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में मददगार हो सकता है। डॉक्टर की सलाह से इन उपायों को अपनाना सुरक्षित और प्रभावी होता है।

इसके अलावा ओमेगा-3, विटामिन, आयरन और अन्य खनिजों से भरपूर चीजों का सेवन बढ़ाने से आपके लाभ मिल सकता है। ये रोगजनकों से लड़ने में मदद करते हैं और डेंगू में प्लेटलेट काउंट भी बढ़ा सकते हैं। 

(Disclaimer: इस आर्टिकल में दी गई सामग्री सिर्फ जानकारी के लिए है। हरिभूमि इनकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी सलाह या सुझाव को अमल में लेने से पहले किसी विशेषज्ञ, डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।)

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