Tulsi:Tulsi: तुलसी को आयुर्वेद में 'जड़ी-बूटियों की रानी' कहा जाता है। इसके औषधीय गुणों के कारण लोग इसकी पूजा भी करते हैं। वहीं हमें बचपन से ही इसके पत्तों को चबाने से मना किया जाता है। लेकिन यह बात सिर्फ धार्मिक मान्यताओं तक सीमित नहीं है, इसके पीछे साइंस के हैरान कर देने वाले कारण छिपे हैं। आइए जानते हैं कि इसके पीछे साइंस के बारे में।
1. तुलसी में मौजूद मर्करी और आयरन के कण
तुलसी के पत्तों में पारा और आयरन जैसे तत्व पाए जाते हैं। जब हम इसे चबाते हैं, तो ये तत्व हमारे दांतों की सतह के संपर्क में आते हैं। खासकर अगर किसी के दांतों में पड़ी हुई धातु की फिलिंग है, तो ये तत्व उनके साथ रिएक्शन कर सकते हैं, जिससे दांतों को नुकसान हो सकता है।
2. एसिडिक नेचर और दांतों पर असर
तुलसी की तासीर गरम और हल्की अम्लीय होती है। इसलिए लगातार तुलसी चबाने पर यह हमारे दांतों के इनेमल को कमजोर कर सकता है, जिससे दांत संवेदनशील हो सकते हैं और कैविटी बनने की संभावना बढ़ जाती है।
3. टैनिन और पाचन पर प्रभाव
तुलसी में टैनिन और कुछ अन्य सक्रिय यौगिक होते हैं, जो सीधे चबाने पर मुंह में कड़वाहट पैदा कर सकते हैं। इसके अलावा, कुछ लोगों में यह गैस्ट्रिक एसिड बढ़ाकर पाचन समस्याएं भी पैदा कर सकता है।
कैसे करें इसका सेवन?
- अगर आप तुलसी के फायदे लेना चाहते हैं, तो इसके पत्तों को सीधे चबाने की बजाय आप इसकी चाय बनाकर पी सकते हैं।
- तुलसी को गुनगुने पानी के साथ निगल सकते है।
- आप शहद या अदरक के साथ भी तुलसी के पत्तों का सेवन कर सकते हैं। इससे इम्युनिटी मजबूत होती है।
- आप तुलसी को सुखाकर इसे पाउडर के रूप में इस्तेमाल कर सकते हैं।