Yoga Poses To Irregular Periods: आजकल अक्सर महिलाओं में पीरियड्स से जुड़ी समस्याएं देखने को मिल रही है। वहीं वक्त से पीरयड्स ना आने की वजह से पेट दर्द, भारी रक्तस्त्राव, ऐंठन और मूड स्विंग्स जैसी समस्याएं होने लगती है। साथ ही महिलाओं में मासिक धर्म की तारीख को लेकर फेर-बदल होते रहते हैं। ये समस्याएं कभी पीरियड्स देर होने के कारण होती है, तो कभी जल्दी आ जाने से होने लगती है। ऐसे में आपको डाक्टरों की सलाह जरूर लेनी चाहिए। इसके साथ ही इर्रेगुलर पीरियड्स की समस्या को कम करने के लिए रूटीन में योगाभ्यास को जरूर शामिल करें। तो आइए जानते हैं योगाभ्यास करने के टिप्स...,
मालासन
अगर आपके पीरियड्स देर से या जल्दी आते हैं और पीरियड्स की कोई डेट तय ना हो, तो आप मालासन योगाभ्यास करके इस समस्या से निजात पा सकती हैं। मालासन करने के लिए सबसे पहले फर्श पर बैठ जाएं। अब एड़ियों को जमीन से उठाते हुए सांस छोड़ें। फिर अपने धड़ को जांघों के बीच फिट करते हुए शरीर को आगे की ओर झुकाएं। दोनों हाथों को मोड़ते हुए कोहनी को जांघों पर रखें। अब बाहों को घुमाएं और एड़ी को थोड़ा ऊपर उठाएं। अब स्क्वाट की स्थिति में वापस आ जाएं।
उष्ट्रासन
पीरियड्स की समस्या से छुटकारा पाने के लिए आप उष्ट्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। इसके लिए फर्श पर घुटनों के बल बैठकर कूल्हों पर हाथ रखें। गहरी सांस लेते हुए हाथों से अपने पैरों को पकड़ें। अब पीठ को मोड़ें। इस मुद्रा में एक मिनट रहे।
धनुरासन
अगर आपके पीरियड्स जैसी समस्या से निजात पाना चाहती हैं, तो आप धनुरासन कर सकती है। इसे करने के लिए जमीन पर पेट के बल लेट कर पैरों को थोड़ा फैला लें। पैरों को उठाते हुए हाथों से टखनों को पकड़ें। गहरी सांस लेते हुए छाती और पैरों को सतह से ऊपर उठाएं। इस अवस्था में कुछ समय तक रहें फिर धीरे धीरे शरीर और पैरों को फर्श पर लाएं। इस योगाभ्यास को करने ले पीरियड्स में निजात मिलेगा।
मत्स्यासन
पीरियड्स से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मत्स्यासन का अभ्यास करना चाहिए। इस योग को करने के लिए जमीन पर पीठ के बल लेटकर हाथों को अपने कूल्हों के नीचे रखें। अब कोहनी को कमर से स्पर्श करते हुए, दोनों पैरों को मोड़ें और घुटनों को क्रॉस-लेग मुद्रा में लाएं। अब जांघों को फर्श से मिलाते समय श्वास लें।
चक्की चालनासन
चक्की चालनासन को करने के लिए पैरों को सामने की ओर सीधा करके बैठ जाएं। फिर अपने पैरों को हिप्स की चौड़ाई में अलग फैलाएं। उंगलियों को इंटरलॉक करें। बाजुओं को सीधा लाकर आगे की तरफ सीधा करें। गहरी सांस लें और हाथों और बाजुओं को पैरों के ऊपर सर्कुलर मोशन में घुमाना शुरू करें, ऐसा करते हुए थोड़ा पीछे की ओर झुकें। इससे आपको पीरियड्स में काफी रिलीफ मिलेगा।
भ्रामरी प्राणायाम
भ्रामरी प्राणायाम करने के लिए अंगूठों से कान और बीच की उंगलियों से आंखें बंद करें और गहरी सांस लें। नाक से सांस छोड़ते हुए मुंह से भंवरे के गुंजन की आवाज करें। गुंजन करते समय जीभ तालू से लगाएं। यह प्रक्रिया कई बार दोहराएं। इससे आपके मूड स्विंग्स कम होंगे।