Kitchen Garden: आज घर की बगिया में मौसमी हरी सब्जियां उगाना केवल शौक भर नहीं, यह स्मार्टनेस का सिंबल भी बन गया है। फ्लैट्स स्पेस में आई कमी, ग्लोबल वार्मिंग, बिगड़ता एंवॉयर्नमेंट और हेल्थ अवेयरनेस जैसी बातों ने मिलकर किचन गार्डन का महत्व बढ़ा दिया है। यही कारण है कि आज सिर्फ महानगरों में ही नहीं 80 फीसदी से ज्यादा छोटे और मझोले शहरों में भी घरों की बालकनियां, स्मार्ट किचन गार्डन का रूप ले चुकी हैं। इसलिए अगर आपने अभी तक खुद को इस दिशा में आगे नहीं बढ़ाया तो इस बारे में जरूर सोचें और अपनी बगिया बना लें। इस बारे में यहां हम आपको कुछ उपयोगी टिप्स दे रहे हैं, जिनके जरिए आप एक स्मार्ट किचन गार्डन बना सकती हैं।
सही स्थान को चुनें
किचन गार्डन बनाने के लिए सबसे पहले अपने घर की वह महत्वपूर्ण जगह चुनें, जहां किचन गार्डन अपना रूप साकार कर सकता है। अगर आप जमीन के घर में रहती हैं और 8-10 फीट जगह घर के किसी कोने में खाली पड़ी है तो समझिए आपका काम और आसान हो जाएगा, क्योंकि जितना बेहतर, कम देख-रेख के बावजूद घर के किसी कोने में जमीन में मौजूद किचन गार्डन होता है, वैसा सुंदर और भरा-पूरा किचन गार्डन फ्लैट्स में संभव नहीं है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि अगर आप किसी हाई राइस अपार्टमेंट में रह रही हैं, तो वहां किचन गार्डन नहीं बना सकतीं। वहां भी बना सकती हैं, लेकिन गमलों में। कहने का मतलब है कि अगर आप फ्लैट्स में रहती हैं किचन गार्डन बनाने के लिए जमीन नहीं है तो गमलों का चयन करें।
तैयार करें उपजाऊ मिट्टी
किचन गार्डन के लिए सही जगह चुनने के बाद अच्छी उपजाऊ मिट्टी का इंतजाम भी जरूरी है। अगर आपका घर जमीन का है, तब तो ज्यादा कोई दिक्कत नहीं होगी, लेकिन अगर बहुमंजिला इमारत के किसी फ्लैट में रहती हैं तो पहले मिट्टी अच्छी तरह से बना लें, फिर उसे गमलों या बैग्स में भरें। अप्रैल-मई के महीनों में पौधों को भरपूर पानी सही समय पर देती रहें। उगाए गए पौधों पर खाद डालने के पहले पौधों को उगाने के लिए बनाई जा रही मिट्टी में प्राकृतिक खाद डालकर उसे उर्वर बनाएं। अब तैयार मिट्टी में कीटनाशकों पर नियंत्रण करने वाले रासायनिक पदार्थ डालें और पौधों को लगाने के लिए बीज या कटिंग के बारे में डिसाइड करें।
बीज या पौधे का करें चयन
अब अगर बीज के जरिए पौधे उगाने हैं, तो उसका तरीका दूसरा है और अगर किसी नर्सरी से लाकर पौधे किचन गार्डन में लगाने हैं तो वहां उसका तरीका अलग होगा। अगर आपके घर में किचन गार्डन के लिए जगह है तो बेहतर यही होगा कि खुद अपनी मिट्टी में बीज के जरिए पौधे उगा लें। अगर गमलों में किचन गार्डन बनाना है तो थोड़े बड़े आकार के गमले चुनें और फिर उनमें 50 फीसदी कोकोपीट, 50 फीसदी वर्मी कंपोस्ट, अच्छी तरह से मिला दें और इस मिट्टी को कम से कम एक हफ्ते तक के लिए नमी में दबा दें, जिससे यह ठीक-ठाक तरीके से उर्वर मिट्टी में तब्दील हो जाएगी। एक हफ्ते के बाद उर्वर हो चुकी मिट्टी को गमलों में भर दें और अब गमले या जमीन जो भी हैं, वहां बीजों को बो दें या नर्सरी से पौधे लाकर लगा दें।
आजमाएं स्मार्ट तरीका
किचन गार्डन कहीं भी बनाया जा सकता है, फिर चाहे आपका फ्लैट कितना ही छोटा क्यों न हो। इन दिनों एक बने बनाए यानी स्वचालित किचन गार्डन का कंसेप्ट भी आया है, जिसमें कुछ एक्सपर्ट मोबाइल एप के जरिए दूर बैठे हुए भी आपके किचन गार्डन की गाइडेंस देते हैं। किचन गार्डन की शुरुआत करने के लिए यूं तो सही समय उत्तर भारत में आषाढ़ (जून-जुलाई) का महीना होता है, लेकिन अब ऐसी बाउंडेशन नहीं रह गई है। तकनीक, सुविधाओं और स्मार्ट तरीके से अब कभी भी किचेन गार्डन की शुरुआत कर सकती हैं। तो देर किस बात की, आप भी बनाइए अपना स्मार्ट गार्डन।