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Vegan Diet Chart: हेल्दी रहने के लिए ऐसी डाइट लेनी चाहिए जिसमें सभी न्यूट्रिएंट्स हों। लेकिन दुनिया भर के कई हेल्थ एक्सपर्ट्स हेल्दी-एनर्जेटिक रहने के लिए वीगन डाइट फॉलो करने की सलाह देते हैं। इस बारे में आप भी जरूर जानना चाहेंगे।

Vegan Diet Chart: बीते कुछ वर्षों से पूरी दुनिया में वीगन और वेजीटेरियन डाइट का ट्रेंड बढ़ रहा है। वीगन डाइट पूरी तरह से प्लांट बेस्ड होता है। पौधों से प्राप्त होने वाली सब्जियों, अनाज, नट और फल को वीगन डाइट कहते हैं। इसमें डेयरी उत्पादों और अंडों सहित जानवरों से मिलने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन नहीं करते हैं। वेजीटेरियन डाइट में डेयरी प्रोडक्ट और दूध का सेवन कर सकते हैं लेकिन वीगन डाइट में जानवरों से प्राप्त किसी भी खाद्य पदार्थ का सेवन नहीं किया जाता है। इसमें मटन, चिकन, मछली, अंडे, पनीर, मक्खन, दूध, क्रीम, दही, छाछ, मेयोनेज, शहद का सेवन नहीं किया जाता है। 

कई रोगों से बचाने में कारगर
कई अध्ययनों से पता चलता है कि वीगन डाइट का सेवन करने से ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करना आसान होता है क्योंकि इसमें कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट की ज्यादा मात्रा होती है, जिससे हाई बीपी नियंत्रण में रहता है। नॉनवेज डाइट में सैचुरेटेड फैट होता है, जो अधिक मात्रा में खाने पर हृदय संबंधी समस्याओं को बढ़ाता है। वीगन डाइट बैड कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को 25% तक कम कर सकता है। साथ ही वीगन डाइट टाइप 2 डायबिटीज होने के रिस्क को 34% तक कम कर सकता है और मोटापे का रिस्क भी कम करता है। इसकी वजह यह है कि इसमें खाए गए खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे भूख कम लगती है। इस तरह यह वजन कम करने का स्वस्थ और प्रभावी तरीका है क्योंकि इसमें शरीर को कैलोरी मिलती है लेकिन फैट जमा नहीं होता है। यह कैंसर के रिस्क को भी कम करता है क्योंकि इसमें एंटी कैंसरस न्यूट्रिएंट्स विटामिन, फाइबर, फाइटोकेमिकल्स पाए जाते हैं। यह दिमाग को भी फायदा पहुंचाता है और अल्जाइमर के डेवलपमेंट को धीमा कर देता है। अध्ययन में यह पाया गया है कि प्रतिदिन 100 ग्राम फल और सब्जियां खाने से कॉगनेटिव लॉस और डिमेंशिया का जोखिम 13% तक कम हो जाता है। यह स्ट्रोक के खतरे को भी कम करता है। इसके अलावा डिप्रेशन और एंग्जाइटी की समस्या भी इस डाइट को खाने से दूर होती हैं। इसमें प्रोटीन और आयरन भरपूर मात्रा में होता है, जिससे ऊर्जा का स्तर बढ़ता है, थकावट महसूस नहीं होती और शरीर मजबूत बनता है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स, कई विटामिंस और मिनरल्स की अत्यधिक मात्रा होने से शरीर डिटॉक्स होता है, जिससे हम स्वस्थ रहते हैं। वीगन डाइट में फाइबर ज्यादा होता है और मेटाबॉलिज्म के बाद इसमें वेस्ट प्रोडक्ट कम बचता है, इससे शरीर में फैट जमा नहीं होता है। इससे इंसान पूरी तरह स्वस्थ रहता है और लंबी जिंदगी जीता है।

इसका भी रखें ध्यान
वीगन डाइट लेने के अनेक फायदे होने के साथ-साथ कभी इसकी वजह से एनीमिया, हार्मोन के असंतुलन, विटामिन-बी 12 की कमी और ओमेगा 3 फैटी एसिड की कमी से अवसाद होने की आशंका रहती है। इसलिए अपने भोजन में प्रोटीन, विटामिन-बी 12, विटामिन-डी, आयोडीन, जिंक और ओमेगा 3 जरूर शामिल करना चाहिए। इससे कभी-कभी ईटिंग डिसऑर्डर की समस्या अर्थोरेक्सिया भी हो जाती है, जिसमें लोगों को ज्यादा खाने की चाह उठती है और वे बहुत खाने लगते है। इसलिए वीगन डाइट अपनाने से पहले डॉक्टर और डाइटीशियन से कंसल्ट कर लेना चाहिए।


होल फूड वीगन डाइट
इस डाइट में साबुत अनाज, फलियां, फल, सब्जियां, नट्स और बीज सम्मिलित होते हैं। 

रॉ फूड वीगन डाइट
इस डाइट में कच्चे फल, कच्ची सब्जियां, नट्स, बीज आदि खाए जाते हैं। इन्हें 118°f (48°C) तापमान पर पका सकते है।

स्टार्च सॉल्यूशन वीगन डाइट
इस डाइट में कम फैट वाले वेजिटेरियन फूड आते हैं और फल की जगह आलू, चावल और मक्का का सेवन किया जाता है।
80/10/10 वीगन डाइट: इस डाइट में कच्चे फूड्स खाने पर अधिक ध्यान दिया जाता है, जिनमें फैट काफी कम मात्रा में होता है। इसमें एवोकाडो और नट्स आदि को अधिक शामिल करते हैं।

डाइट सजेशन
डॉ. सुधा मौर्य

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